Akhilesh's reply to Mayawati on PDA, calls for rising above party politics

अखिलेश यादव और मायावती (फाइल फोटो)

विस्तार

पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच एक तरह से शीतयुद्ध प्रारंभ हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इससे जुड़ने का आह्वान किया है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती इसका मतलब ”परिवार दल एलायंस” बता सपा पर तीर चला चुकी हैं।

अखिलेश ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को पीडीए परास्त करेगा। मायावती ने इस पर कहा था कि सपा, एनडीए के जवाब में पीडीए का राग अलाप रही है। इन वर्गों के अति कठिन समय में भी यह केवल तुकबंदी के सिवा और कुछ नहीं है। इतना ही नहीं मायावती ने सपा को सिर्फ परिवार के स्वार्थ में सीमित पार्टी करार दिया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बुधवार को बिना किसी का नाम लिए कहा कि पीडीए मूल रूप से पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक के शोषण, उत्पीड़न व उपेक्षा के खिलाफ उठती हुई चेतना व समान अनुभूति से जन्मी एकता का नाम है। इसमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं, जो मानवता के आधार पर इस तरह की नाइंसाफी के खिलाफ हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी को इससे जुड़ना चाहिए।

भाजपा राज में लूट और भ्रष्टाचार चरम पर

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में लूट और भ्रष्टाचार चरम पर है। सत्ता संरक्षण में कहीं नौकरी के बहाने तो कहीं खुलेआम राह चलते लूट की जा रही है। सरकारी विभागों में नौकरियां दिलाने के नाम पर आए दिन ठगी होती है।

अखिलेश की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सिंचाई विभाग में संविदा पर 20 सहायक अभियंता, 26 अवर अभियंता और 39 कम्प्यूटर आपरेटरों को नियुक्ति पत्र जारी कर ठगा गया। सचिवालय में तो कई बार ठगों की कारस्तानी पकड़ी गई है। इनके तार मंत्री से लेकर आला अफसरों तक जुड़े होने की जांचे चल रही हैं।

होमगार्ड विभाग में भी कई घपले सामने आए हैं। कभी फर्जी नियुक्ति के केस पकड़े गए तो फर्जी ड्यूटी लगाने के भी मामले सुर्खियों में आए हैं। राजधानी में आए दिन चेन स्नैचिंग और मोबाइल छीनने की घटनाएं होती है। अखिलेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में ठगी और भ्रष्टाचार के बढ़ते मामले बिना सत्ता संरक्षण के तो नहीं हो सकते हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *