
वीरेश्वर द्विवेदी (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व संपादक वीरेश्वर द्विवेदी का सोमवार को लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित चल रहे थे। वीरेश्वर द्विवेदी का अंतिम संस्कार मंगलवार को कानपुर देहात स्थित उनके पैतृक ग्राम भाल में किया जाएगा। लखनऊ स्थित भारती भवन में वीरेश्वर द्विवेदी के अंतिम दर्शन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रांत प्रचारक कौशल, पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया सहित तमाम लोगों ने किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
वीरेश्वर द्विवेदी का जन्म 17 अगस्त 1945 को कानपुर देहात के राजपुर क्षेत्र के भाल ग्राम में हुआ था। अपने जीवन के 52 वर्ष उन्होंने संघ प्रचारक के रूप में गुजारे और विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल के माध्यम से प्रचारक बने वीरेश्वर द्विवेदी विहिप के केंद्रीय मंत्री व मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे। श्रीराम मंदिर आंदोलन में भी उनकी अहम भूमिका थी। अंग्रेजी विषय में परास्नातक वीरेश्वर द्विवेदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री और संघ के उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचार प्रमुख भी रहे। उन्होंने लंबे समय तक पूर्व सर संघचालक राजेंद्र सिंह ”रज्जू भैया” के साथ काम किया।
वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के लखनऊ के पांचों लोकसभा चुनाव में संयोजक थे। संपादक के तौर पर उन्होंने राष्ट्रधर्म, पथसंकेत और हिंदू विश्व पत्रिकाओं का संपादन किया। उनकी ‘संघ नीव में विसर्जित’ पुस्तक के साथ लगभग 30 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रचारक जीवन से पहले वह उरई के एक महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे।