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यूपी एटीएस ने कानपुर से छह रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों समेत आठ लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया है। इनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। ये सभी कानपुर से दिल्ली होकर जम्मू जा रहे थे। एटीएस उनके जम्मू जाने की वजह तलाश रही है। इनके पास से पैन कार्ड, 5 आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आयुष्मान भारत का कार्ड, ई-श्रम कार्ड, दो डेबिट कार्ड, दो मोबाइल, दो यूएनएचसीआर कार्ड, 12 रेल टिकट और 11,980 रुपये बरामद किए है।

दरअसल एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या नागरिकों से पैसा लेकर उनको अवैध रूप से सीमा पार कराकर भारत ला रहे हैं। इनमें से कुछ लोग बांग्लादेश से कानपुर आए हैं। ये सभी भारत के रहने वाले नहीं हैं और उनकी भाषा और तौर-तरीका भी संदिग्ध है।

इस सूचना पर एटीएस की टीम झकरकटी बस अड्डे पर पहुंची। एटीएस ने वहां मौजूद आठ संदिग्धों को रोककर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि हम लोग रोहिंग्या नागरिक हैं। बांग्लादेश से सीमा पार करके भारत आए हैं। हम लोगों को दिल्ली जाना है, जहां से जम्मू जाने को बोला गया है। एटीएस को उनकी तलाशी में कुमारघाट से गुवाहाटी और गुवाहाटी से दिल्ली का रेल टिकट बरामद हुआ।

त्रिपुरा के अनवर को किया गया सुपुर्द

पूछताछ में उन्होंने बताया कि बार्डर पार करने के बाद उनको त्रिपुरा के अनवर के सुपुर्द किया गया था। दो दिन तक अनवर के पास रहने के दौरान उनको भारतीय नागरिकता के फर्जी पहचान पत्र दिए गये। अनवर का ड्राइवर विमल मियां भी इस गिरोह का सदस्य है। विमल उनको कुमारघाट रेलवे स्टेशन पर छोड़ने आया था, वहां मौजूद त्रिपुरा निवासी सुबीर सब्दाकर उनको दिल्ली ले जाने वाला था।

वहीं गिरफ्तार हुए जम्मू निवासी मोहम्मद जकारिया ने बताया कि रोहिंग्या युवती सबकुर नाहर को जम्मू में उसकी बहन यासमीन के पास छोड़ने जा रहा था। बाकी दो लड़कों और तीन लड़कियों मोहम्मद शोएब, नूर मुस्तफा, नूर हबीबा, रजिया और फारसा को भी जम्मू लेकर जाकर बसाने की तैयारी थी।

इनको किया गया गिफ्तार

त्रिपुरा का उनाकोटी निवासी सुबीर सब्दाकर, जम्मू के सांबा निवासी मोहम्मद जकारिया, म्यांमार निवासी मोहम्मद शोएब, नूर मुस्तफा, बांग्लादेश निवासी फारसा, सबकुर नाहर, नूर हबीबा व रजिया।



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