
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
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सीने में दर्द की शिकायत लेकर देर रात इलाज के लिए लोहिया संस्थान पहुंचे भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी के साथ जूनियर डॉक्टरों ने खराब व्यवहार किया। परिचय देने के बावजूद चिकित्सक ने कहा कि पहले पर्चा बनवाकर लाओ। परेशान विधायक को निजी अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ा। एमएलसी ने पूरा मामला सदन में रखा जिस पर कार्रवाई करते हुए एक जूनियर रेजीडेंट को बर्खास्त कर दिया गया जबकि दूसरे चेतावनी दी गई है।
लोहिया संस्थान में माननीय को भी आसानी से इलाज नहीं मिलता है। यहां आने वाले माननीय को जूनियर डॉक्टर कतार में खड़ा कर देते हैं। ऐसा ही मामला फिर सामने आया है। यह पूरा प्रकरण विधायक नरेंद्र भाटी ने बृहस्पतिवार को विधान परिषद में रखा। उन्होंने बताया कि वह हार्ट पेशेंट हैं। बुधवार देर रात उनके सीने तथा पेट में दर्द हुआ तो वह राम मनोहर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लगभग 11 बजे पहुंचे। यहां जो चिकित्सक बैठे थे उनसे अपना परिचय देकर कहा कि कोई वरिष्ठ चिकित्सक हो तो बुलाइये। इस पर चिकित्सक ने कहा कि क्या उन्हें वह डाक्टर नजर नहीं आते हैं। जाइये, पहले पर्चा बनवाकर लाइये। एमएलसी ने किसी कर्मचारी को भेजकर पर्चा बनवाने को कहा मगर डॉक्टर नहीं माने। इस पर परेशान एमएलसी यहां से लौट गए और उन्होंने एक निजी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराई।
सदन में इस पूरे प्रकरण को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह बर्दाश्त नहीं होगा। कार्रवाई की जाएगी। पूरे प्रकरण की उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि उस दौरान इमरजेंसी में जूनियर रेजीडेंट डॉ. राहुल व डॉ. तारिक मौजूद थे। संस्थान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया दोनों डॉक्टरों को तलब किया गया था। पूरे मामले की जांच हो रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एमएलसी डॉ. तारिक से बातचीत करते दिखे थे। डॉ. तारिक को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि डॉ. राहुल को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही सभी डॉक्टरों को नोटिस दिया गया है कि वे इमरजेंसी में आने वाले सभी मरीजों को प्रमुखता से इलाज मुहैया कराएं। अभद्रता की शिकायत आने पर कार्रवाई होगी।
सभी अस्पतालों में माननीयों की अलग से डेस्क बनेगी
सदन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आश्वासन दिया कि सभी अस्पतालों में एक माननीयों के लिए अलग से एक डेस्क बनेगी। इस तरह की परेशानी में विधानमंडल सदस्य सीधे उन्हें भी कॉल कर सकते हैं। साथ ही सदन में तैनात चिकित्सक को भी बुला सकते हैं।
गलती से हो गए संविदाकर्मियों के तबादले, निरस्त कर दिए
ध्रुवकांत त्रिपाठी के सवाल पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने जवाब दिया कि हर जिला मुख्यालय पर एक आयुर्वेदिक अस्पताल बनाने की तैयारी है। नरेश चंद उत्तम ने सवाल किया कि जब संविदाकर्मियों के तबाले विधि सम्मत नहीं है तो क्यों किए गए। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया कि हमारी गलती थी जो सुधार ली गई। तबादले निरस्त कर दिए गए क्योंकि हाईकोर्ट ने भी ये रद्द कर दिए थे। यदि कोई नहीं हुआ होगा तो रद्द कर दिए जाएगा। साथ ही एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटरों में जाकर गर्भवती महिलाएं अपना अल्ट्रासाउंड करा सकती है जिसका भुगतान सरकार करती है। बस महिलाएं इसे लिए बार कोड का प्रयोग करे।