
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
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समजवादी पार्टी विधानसभा परिषद की दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। एक सीट पर पूर्वांचल के अति पिछड़े वर्ग के नेता को प्रत्याशी बनाया जाएगा तो दूसरी सीट पर पार्टी के फ्रंटल संगठन के पदाधिकारी को मौका मिलेगा। बृहस्पतिवार सुबह होने वाली विधायकों की बैठक में दोनों नामों पर मुहर लगेगी और फिर नामांकन होगा।
विधान परिषद की दो सीटों के लिए हो रहे चुनाव में विधायक मतदान करेंगे। 18 मई को नामांकन का अंतिम दिन है। यह दोनों सीटें लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के इस्तीफे और बनवारी लाल के निधन से खाली हुई है। भाजपा ने पद्मसेन व मानवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी एक उम्मीदवार अति पिछड़े तो दूसरा दलित उतारकर सियासी एजेंडे को धार देने की तैयारी में है।
इस चुनाव के जरिए पार्टी दोनों वर्ग के हिमायती होने का संदेश देगी। अति पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी के रूप में पूर्वांचल के एक पूर्व एमएलसी का नाम लिया जा रहा है। जबकि दूसरे पद पर फ्रंटल संगठन के प्रभारी को उम्मीदवार बनाने की तैयारी है। हालांकि पार्टी की ओर से इसकी अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि बृहस्पतिवार को विधायकों की बैठक के बाद दोनों प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होगी।
लामबंदी बनान रखने की रणनीति
विधान परिषद की दोनों सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सपा विधायकों की संख्या भाजपा से कम है। इसके बाद भी पार्टी उम्मीदवार उतारने को तैयार है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दोनों सीट पर उम्मीदवार उतार कर दलितों एवं अति पिछड़े वर्ग को संदेश दिया जाएगा। पार्टी की रणनीति है कि इस चुनाव के जरिए जहां पार्टी के सभी विधायकों को लामबंद रखने की कवायद की जाएगी तो यह भी देखा जाएगा कि विपक्षी एकता में और कौन- कौन से विधायक साथ आ सकते हैं।
विधानसभा में दलगत स्थित
भारतीय जनता पार्टी 255
समाजवादी पार्टी 109
अपना दल (सोनेलाल) 1़3
राष्ट्रीय लोक दल 9
निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल 6
सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी 6
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 2
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक 2
बहुजन समाज पार्टी 1