
गोमती रिवरफ्रंट
– फोटो : amar ujala
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गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता ओम वर्मा के बैंक लॉकर को शुक्रवार को खंगाला। सूत्रों के मुताबिक केनरा बैंक की लखनऊ के विकासनगर स्थित शाखा के लॉकर से लाखों रुपये के जेवरात और कुछ संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए है। बताते चलें कि बरेली में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात रहे ओम वर्मा को सीबीआई ने बिना निविदा करोड़ों रुपये का सौंदर्यीकरण का काम देने का आरोपी बनाया था।
सीबीआई ने गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की प्रारंभिक जांच दर्ज करने के बाद तमाम आरोपी इंजीनियरों, ठेकेदारों के ठिकानों पर जुलाई, 2021 में छापा मारा था। इस दौरान जुटाए गए सुबूतों के आधार पर 16 इंजीनियरों समेत 189 लोगों के खिलाफ दो जुलाई 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में बरेली मंडल में तैनात रहे मुख्य अभियंता ओम वर्मा को भी आरोपी बनाया गया था।
सीबीआई ने उनके लखनऊ के विकासनगर स्थित आवास पर भी छापा मारा था। जांच में सामने आया था कि उन्होंने रिवरफ्रंट के सौदर्यीकरण का 8.93 करोड़ रुपये का कार्य बिना निविदा प्रकाशित हुए बुलंदशहर की मेसर्स रावत एसोसिएट को सौंप दिया। यह कार्य 9.77 करोड़ रुपये व्यय होने के बावजूद पूरा नहीं हो सका। इस मामले में अधीक्षण अभियंता जीवन राम यादव और मुख्य अभियंता काजिम अली को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया है।