Ashok Leyland comes to Uttar Pradesh for the first time after leaving the South, investment of Rs 1500 crore

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

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वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड ने पहली बार उत्तर प्रदेश में निवेश किया। ईज आफ डूइंग की रफ्तार से हैरत में पड़े कंपनी के प्रमुख धीरज हिंदुजा ने कहा कि महज 36 दिन में निवेश संबंधी प्रक्रिया पूरी हो गई। इसी के साथ दो चरणों में 1500 करोड़ रुपये के निवेश का रास्ता मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुए समझौते के साथ साफ हो गया। अशोक लीलैंड की इकाई लखनऊ स्थित स्कूटर इंडिया की जमीन पर स्थापित की जाएगी।

दुनिया की अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक बस निर्माण की इकाई लगाएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनु अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। अशोक लीलैंड का स्वागत करते हुए योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। यह आश्चर्य का विषय का है कि देश की सबसे बड़े युवा पूंजी वाले राज्य में अब तक अशोक लीलैंड की उपस्थिति नहीं हो सकी थी। उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले तक जो औद्योगिक समूह यहां आने से परहेज करते थे, आज यहां विस्तार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ, सार्वजनिक और माल परिवहन के माध्यम से उत्सर्जन कम करने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं परिचालन की दिशा में लगातार काम कर रही है। इस संबंध ने राज्य की नीति भी जारी की है। आज सर्वाधिक ईवी उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हैं। अब अधिकाधिक चार्जिंग स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है।

अशोक लीलैंड के चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा कि कंपनी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर प्रदेश के माहौल का लाभ उठाने को तत्पर हैं। उन्होंने बताया कि हमने पहली बार इसी साल 10 अगस्त को यूपी में निवेश के लिए बातचीत की थी और आज 15 सितंबर है। महज 36 दिन के भीतर सब कुछ तय हो गया। इसी तरह काम हो तो उद्योग जगत का परिदृश्य ही बदल जायेगा। प्रस्तावित इकाई के बारे में कहा कि उत्तर प्रदेश की नई इकाई 18 माह में प्रारंभ हो जाएगी। चरणबद्ध रूप से यहां ई-मोबिलिटी के एकीकृत वाणिज्यिक वाहन बस संयंत्र स्थापित होगा, जो राज्य में अशोक लीलैंड का पहला संयंत्र होगा। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में डीजल बसों और वाणिज्यिक वाहनों के पूरे बेड़े को इलेक्ट्रिक और अन्य वैकल्पिक ईंधन में बदला जाएगा। आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड अभी तक दक्षिण में ही थी। पहली बार वहां से बाहर निकल उत्तर में आई है। समूह पहले चरण में 200 से 500 करोड़ और दूसरे चरण में 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।



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