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– फोटो : फाइल फोटो
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निशातगंज निवासी दो भाइयों चंचल और सौरभ सोनकर को चिनहट थाने में तैनात दारोगा राम प्रताप सिंह और बीबीडी थाने के सिपाही भरत गोपाल तिवारी ने बिना अनुमति और जानकारी के आठ जुलाई को घर के बाहर से उठा लिया।
गाड़ी से साथ ले गए और मादक पदार्थ तस्करी का आरोप लगाते हुए पैसों की मांग की। पीड़ितों के परिजन तलाशते हुए महानगर पहुंचे तो पता चला कि उनको चिनहट पुलिस ले गई है। देर शाम दोनों को बिना लिखा-पढ़ी के चिनहट थाने से छोड़ दिया गया। चंचल की पत्नी ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर में शिकायत की। मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो आननफानन दोनों पुलिसवालों को निलंबित कर जांच एसीपी विभूतिखंड को सौंप दी गई।
महानगर के निशातगंज इलाके में चंचल सोनकर अपने भाई सौरभ सोनकर के साथ रहता है। दोनों ने बताया कि आठ जुलाई को दरोगा राम प्रताप सिंह और सिपाही भरत गोपाल तिवारी उनके घर कार से पहुंचे। गांजा तस्करी का आरोप लगाते हुए जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गए।
आरोप है कि उस वक्त दोनों वर्दी में नहीं थे। दोनों युवकों के परिजन शिकायत लेकर महानगर थाने पहुंचे। पुलिस वालों ने छानबीन की तो पता चला कि चिनहट पुलिस दोनों को अपने साथ ले गई है। चिनहट थाने पहुंचे, पर दोनों भाई वहां भी नहीं मिले। देर शाम दोनों भाइयों को दरोगा व सिपाही चिनहट थाने लेकर आए और बिना लिखापढ़ी के ही छोड़ दिया।
चंचल की पत्नी ने 11 जुलाई को पुलिस कमिश्नर दफ्तर में शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी पूर्वी हृदेश कुमार ने फौरन आरोपी दरोगा राम प्रताप और सिपाही भरत गोपाल को निलंबित कर दिया और एसीपी विभूतिखंड को जांच के आदेश दिए।
शहीद पथ ले जाकर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप
मामले में पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले चिनहट पुलिस ने मनीष नाम के एक गांजा तस्कर को पकड़ा था। पूछताछ में उसने दोनों भाइयों चंचल और सौरभ का नाम लिया था। इसके बाद आरोपी दरोगा और सिपाही आठ जुलाई को बिना किसी अधिकारी की अनुमति के चंचल व सौरभ के घर पहुंच गए और दोनों को उठा ले गए।
आरोप है कि थाने ले जाने के बजाए आरोपी पुलिस वाले दोनों भाइयों को कई घंटे इधर-उधर गाड़ी में घुमाते रहे और फिर शहीद पथ ले गए। आरोप है कि वहां पहुंचने के बाद दागी पुलिस वालों ने दोनों भाइयों को 50 हजार की मांग की और न देने पर गांजा तस्करी के मामले में जेल भेज देने की धमकी दी। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि आरोपी पुलिस वालों को पीड़ित भाइयों से रुपये लिए थे या नहीं।
पहले भी पुलिस वालों पर लगे चुके हैं गंभीर आरोप
25 अप्रैल 2013 : सरोजनीनगर के बदालीखेड़ा चौकी इंचार्ज दिनेश कुमार यादव और सिपाही रवि कुमार पर एक प्रॉपर्टी डीलर से रुपये मांगने का आरोप। दोनों किए गए थे निलंबित। केस भी हुआ था दर्ज।
11 जून 2022 : काकोरी थाने में हाईवे पर वसूली के मामले में ट्रैफिक सिपाही सतेंद्र, होमगार्ड अनुराग व वीरेंद्र के खिलाफ केस दर्ज।
अक्तूबर 2019 : कैंट पुलिस ने पुलिस लाइन में तैनात सिपाही पवन कुमार को उसके तीन साथियों से मादक पदार्थ तस्करी के मामले में किया था गिरफ्तार।
मार्च 2019 : गोसाईंगंज ओमेक्स सिटी के रहने वाले कोयला कारोबारी अंकित को ब्लैकमेल कर पुलिस वालों ने की थी वसूली। पुलिस वालों सहित सात के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर।