Lucknow News: More than 150 fake call centers running in Delhi-NCR

सांकेतिक तस्वीर

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एसटीफ ने जिस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, उससे जुड़े सदस्य दिल्ली-एनसीआर में 150 से अधिक कॉल सेंटर चला रहे हैं। जिनको कई मास्टरमाइंड संचालित कर रहे हैं। एसटीएफ को इससे संबंधित कई अहम जानकारियां मिली हैं। जिसके आधार पर तहकीकात की जा रही है। एक दर्जन मोबाइल नंबरों की कुंडली खंगाली जा रही है।

एसटीएफ ने मंगलवार को इंदिरानगर तकरोही में स्थित एक मकान में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा था। मुख्य आरोपी विशाल व जीशान समेत नौ को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ये आरोपी यूएस, एके, न्यूजीलैंड, कनाडा समेत दर्जनों देश के नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके थे। विदेशी नागरिकों का डाटा पाकर उनको ईमेल भेजकर अलग-अलग सेवाओं को एक्टिव व डिएक्टिवेट करने के नाम पर उनसे ठगी करते थे। ठगी के तार चीन जुड़े हैं। एसटीएफ के मुताबिक गिरोह के कई और बड़े किरदार हैं। जो दिल्ली-एनसीआर में बैठे हैं। जो बड़े पैमाने पर कॉल सेंटर संचालित कर रहे हैं। उनको करोड़ों रुपये कमीशन के तौर पर हर महीने मिलती है। ये सभी लोग आपस में कनेक्टेड हैं। एसटीएफ पूरे नेटवर्क को तोड़ने के प्रयास में लगी है।

वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल

आरोपी बेहद शातिर है। अधिकर आरोपी वर्चुअल नंबर इंस्तेमाल कर आपस में इंटरनेट कॉल से बातचीत करते थे। इसलिए उनको ट्रेस करना चुनौती है। जो सिम इस्तेमाल करते हैं वह फेक आईडी पर लिए गए प्रीएक्टिवेट होते हैं। आरोपियों के मोबाइल से ऐसी तमाम जानकारियां मिली हैं।

डाटा खरीदने का करोड़ों का खेल

आरोपियों के पास से तीस लाख विदेशी नागरिकों का डाटा मिला है। एसटीएफ के मुताबिक सोशल मीडिया व डार्क वेब पर डाटा की खरीद-फरोख्त में करोड़ों का खेल होता है। प्रति नागरिक का डाटा एक रुपये लेकर 100-200 रुपये तक में बिकता है। अगर डाटा कम है तो उसकी कीमत अधिक होती है और अधिक है तो थोड़ी कम होती है। आरोपियों के पास से तमाम फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए थे। जिनका इस्तेमाल वह खाते खुलवाने व मोबाइल नंबर आदि लेने में इस्तेमाल करते थे।



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