
प्रवर्तन निदेशालय।
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छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे हाइजिया एजूकेशनल ग्रुप के फार्मेसी कॉलेज का एक मामूली कर्मचारी दस साल में करोड़पति बन गया। दो हजार रुपये से अपनी नौकरी की शुरुआत करने वाला फार्मेसी कॉलेज के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता ने हाइजिया के संचालकों के साथ मिलकर ऐसा जाल बुना, जिससे ग्रुप की रोजाना की कमाई लाखों रुपये तक पहुंच गई। हाइजिया ग्रुप और रवि प्रकाश गुप्ता के आवास पर ईडी के छापों से खुलासा हुआ कि छात्रवृत्ति घोटाले की रकम की बंदरबांट कर बेशकीमती संपत्तियों को खरीदा गया।
सूत्रों की मानें तो हाइजिया ग्रुप पर पड़े छापों में अब तक 80 से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर संपत्तियां ईडी की गिरफ्त में आए इजहार हुसैन जाफरी उर्फ हनी जाफरी के नाम हैं, जबकि कई संपत्तियों के दस्तावेज ऐसे भी मिले हैं, जिनके बेनामी होने की आशंका जताई जा रही है।
वहीं रवि प्रकाश गुप्ता के जानकीपुरम स्थित आवास पर मंगलवार को मारे गए छापे में कई संपत्तियों के दस्तावेज के अलावा बैंक खातों में लाखों रुपये जमा होने के पुख्ता प्रमाण मिले है। अब ईडी के अधिकारी हाइजिया और रवि प्रकाश गुप्ता की इन संपत्तियों को अटैच करने की कवायद में जुटे हैं।
तलब किए गये हाइजिया के 50 से ज्यादा कर्मचारी
मंगलवार को हाइजिया के लखनऊ कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड एजूकेशन का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हाइजिया ग्रुप में कार्यरत 50 से ज्यादा कर्मचारियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब कर लिया गया है। इनसे हाइजिया के बाकी फर्जी कॉलेजों के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी, जो केवल वेबसाइट पर चल रहे हैं। वहीं, हाइजिया के तीसरे संचालक सईद इशरत हुसैन जाफरी उर्फ लकी जाफरी की तलाश करने के लिए उसके कुछ परिजनों को भी सम्मन भेजकर तलब किया गया है।
