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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन राज्यों में नकली नोट खपाने वाले तस्करों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी ने इस मामले की जांच एनआईए की चार्जशीट के आधार पर की थी, जिसमें छह तस्कर शिवभजन गुप्ता, कुलदीप गुप्ता, गुरुदेव उर्फ विवेक राजपूत, रजनीश यादव, अब्दुल सलाम और जिया उल हक दोषी पाए गए। जांच में सामने आया कि ये सभी संगठित गिरोह बनाकर नकली नोटों की तस्करी का बड़ा रैकेट चला रहे थे।
बता दें कि यूपी एसटीएफ ने 24 अगस्त 2018 को 24 अगस्त 2018 को राजधानी स्थित डालीगंज रेलवे क्रासिंग के पास से कुलदीप गुप्ता, जबलपुर निवासी शिवभजन गुप्ता, मैनपुरी निवासी गुरुदेव उर्फ विवेक राजपूत और गाजीपुर निवासी रजनीश यादव को लाखों रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था।
इन सभी के खिलाफ हसनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद में एनआईए ने इस मामले की जांच को टेकओवर कर लिया था। एनआईए की जांच में अब्दुल सलाम और जिया उल हक का नाम प्रकाश में आया था। वहीं वर्ष 2020 में ईडी की प्रयागराज इकाई ने एनआइए की चार्जशीट के आधार पर चारों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की। ईडी ने आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों को पता लगाने के बाद उसे जब्त भी किया था।