Lucknow News: Application of Naseemuddin, Atar Singh and Naushad Ali rejected

नसीमुद्दीन सिद्दीकी
– फोटो : अमर उजाला

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भाजपा सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं के ख़िलाफ़ अभद्र और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के मामले में आरोपी बनाए गए बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह राव और नौशाद अली की ओर से दी गई आरोपों से मुक्त करने की मांग वाली ( डिस्चार्ज) अर्ज़ी ख़ारिज हो गई। एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने चारो आरोपियों की अर्ज़ी को जहां खारिज कर दिया है। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में मामले के अन्य आरोपी मेवालाल गौतम के ख़िलाफ़ पाक्सो एक्ट की धारा को हटा दिया है।

इसके पहले कोर्ट में सरकारी वकील रमेश कुमार शुक्ला ने बताया नौ कि मामले में आरोपी नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित अन्य आरोपियों के ख़िलाफ़ कोर्ट ने 22 फरवरी 2021 को आरोप तय कर दिए थे तथा मामले की गवाह पूर्व मंत्री स्वाति सिंह की गवाही चल रही है। कहा गया इसी बीच आरोपी मेवालाल गौतम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके निचली अदालत की कार्यवाही को चुनौती दी जिस पर हाईकोर्ट ने मेवालाल के ख़िलाफ़ लगायी गई पाक्सो एक्ट की धारा 11(1) को निरस्त कर दिया। 

हाईकोर्ट के इस आदेश को मेवा लाल गौतम ने विशेष अदालत में पेश कर पाक्सो एक्ट के आरोपों को हटाए जाने की माँग की।वही हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अतर सिंह राव, नौशाद अली, नसीमुद्दीन सिद्दीकी एवं राम अचल राजभर ने भी कोर्ट में अलग-अलग अर्जिया देकर पाक्सो एक्ट की आरोपों से बरी किए जाने की माँग की लेकिन कोर्ट ने आरोपियों की अर्ज़ी ख़ारिज कर दिया और कहा कि मेवालाल गौतम का मामला भिन्न है क्योंकि नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, अतर सिंह राव एवं नौशाद अली ने विचारण न्यायालय के किसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी है। कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा है कि एक बार जब आरोप तय हो जाते है और विचारण शुरू हो जाता है तब उसका मुक़दमें का निस्तारण दोष सिद्धि या दोष मुक्त के आधार पर ही किया जाता है।कोर्ट ने आगे कहा कि इस कोर्ट को अपने किसी भी आदेश को वापस लेने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने आगे अभियोजन को निर्देश दिया है कि वह गवाह पूर्व मंत्री स्वाति सिंह को कोर्ट में पेश करे और उनका बयान कराए।

बताते चले इस घटना की रिपोर्ट पूर्व मंत्री स्वाति सिंह की सास और मंत्री दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि 20 जुलाई 2016 को दोपहर राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी बेटी को तथा बहु एवं नातिन के साथ साथ देश की समस्त महिलाओं को पूरे सदन में गालियां दी एवं अपशब्द कहे। इसके बाद 21 जुलाई 2016 को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के बुलाने पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और नसीमुद्दीन सिद्दीकी ,नेता राम अचल राजभर एवं मेवालाल आदि ने घटनास्थल अंबेडकर प्रतिमा पर बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को गालियां दी तथा अभद्र टिप्पणी का प्रयोग करते हुए बैनर लेकर प्रदर्शन किया था।



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