
अनिल दुजाना
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पश्चिमी उप्र से लेकर दिल्ली तक आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर अनिल दुजाना की तलाश जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से छूटने के बाद से एसटीएफ को थी। उसके गैंग के 40 सदस्यों में से 17 के खिलाफ पुलिस बीते कुछ सालों में कानूनी शिकंजा कसती जा रही थी। उसके खिलाफ कुल 50 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से एक में उसे तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी, जबकि दो मुकदमों में वह बरी हो चुका था। दुजाना के लंबे आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से उसका नाम शासन द्वारा चिन्हित 66 माफिया की फेहरिस्त में शामिल किया गया था। पुलिस दुजाना की 2.30 करोड़ ऱुपये की संपत्तियों को जब्त भी कर चुकी है।
शासन की फेहरिस्त में मेरठ के माफिया
शासन ने मेरठ जोन के जिन 11 माफिया को अपनी फेहरिस्त में शामिल किया है, उनमें से बदन सिंह बद्दो के अलावा बाकी सभी जेल में हैं। डीजीपी मुख्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक ऊधम सिंह उन्नाव, योगेश भदौड़ा सिद्धार्थनगर, हाजी याकूब कुरैशी सोनभद्र, शारिक सीतापुर, सुनील राठी हरिद्वार, धर्मेंद्र अंबेडकरनगर, यशपाल तोमर हरिद्वार, अमर पाल उर्फ कालू गाजियाबाद, अनुज बारखा बागपत और विक्रांत उर्फ विक्की डासना जेल में बंद है।
गौतमबुद्धनगर के सात माफिया में से छह जेल में
शासन ने गौतमबुद्धनगर के सात माफिया को अपनी फेहरिस्त में शामिल किया था, जिसमें से अनिल दुजाना बृहस्पतिवार को ढेर हो गया। वहीं फरार चल रहे एक लाख के इनामी अपराधी मनोज उर्फ आसे को चार दिन पहले नोएडा पुलिस कमिश्नरेट की स्वाट टीम ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान उसके पैर पर गोली भी लगी थी। इसके अलावा सुंदर भाटी सोनभद्र, सिंहराज भाटी गोरखपुर, अमित कसाना और रणदीप भाटी दिल्ली की मण्डोली, अनिल भाटी गौतमबुद्धनगर जेल में बंद है।