
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन
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प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं से हो रही मनमानी वसूली के मामले में नियामक आयोग के आदेश की अनदेखी हो रही है। आयोग की ओर से पावर कॉरपोरेशन को 10 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी अभी तक कारपोरेशन ने जवाब नहीं दिया है।
प्रदेश के कई जिलों में ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की आपूर्ति टाइप बदल कर शहरी दर पर बिजली बिल दिया जा रहा है। इस मामले में नियामक आयोग ने 29 अगस्त को आदेश जारी किया। आयोग ने पावर कॉरपोरेशन को पूरे मामले की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। एक माह से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी अभी तक पावर कॉरपोरेशन ने जवाब दाखिल नहीं किया है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसे अवमानना का मामला बताते हुए आयोग से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि विद्युत निगम विभिन्न क्षेत्र में राजस्व बढाने के लिए ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं की ग्रामीण दरों को परिवर्तित कर शहरी दरों में उनसे करोड़ों रुपया वसूल रहे हैं। पूरे मामले की जांच कराई जाए तभी सही मामले में स्थिति साफ हो गए पाएगी।