Transfer of male teachers got a shock, only one third of the men got benefits

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बेसिक शिक्षा विभाग ने लंबे समय से तबादले का इंतजार कर रहे 16,614 शिक्षकों को भले ही तोहफा दिया हो। लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी पुरुष शिक्षकों की उम्मीदों को तबादले में झटका लगा है। कुल तबादलों का एक तिहाई लाभ ही पुरुष शिक्षकों को मिल सकता है।

विभाग की ओर से शिक्षकों के लिए तबादले की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही इसके लिए भारांक भी तय किए गए थे। इसमें पिछली बार की अपेक्षा महिला शिक्षिकाओं का भारांक पांच नंबर से बढ़ाकर 10 कर दिया गया था। वहीं जिले में नियमित सेवावधि शिक्षिका के लिए दो साल व पुरुष शिक्षक के लिए पांच साल होना अनिवार्य था।

वहीं जिले में कार्यरत कुल शिक्षकों की तबादले की अधिकतम सीमा भी 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी गई थी। यही वजह रही कि भारांक जारी होने के बाद से ही पुरुष शिक्षकों को यह डर था कि इस बार भी उनको इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। यही वजह रही कि इन भारांक के आधार पर कुल 16614 में से 12267 महिला शिक्षकों को और मात्र 4347 पुरुष शिक्षकों को लाभ मिला। खास यह कि 2019-20 में भी कुल 21 हजार तबादलों में से 16 हजार महिलाएं व 5000 शिक्षकों को इसका लाभ मिला था।

परस्पर तबादलों का अभी इंतजार

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक से दूसरे जिले के साथ-साथ जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए भी आवेदन लिए थे। इसके लिए काफी संख्या में शिक्षकों ने आवेदन किया है लेकिन अभी उनकी प्रक्रिया नहीं आगे बढ़ी। वहीं एक से दूसरे जिले के लिए भी परस्पर तबादले की प्रक्रिया शुरू होनी थी लेकिन वह नहीं शुरू हुई। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।



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