
यूपी एटीएस
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आतंकियों, आईएसआई जासूसों को फंडिंग करने वाले नेटवर्क के सदस्य इजहारुल को यूपी एटीएस की टीम बृहस्पतिवार को बिहार से लखनऊ लेकर आई है। उसे शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। एटीएस इजहारुल के साथ अमृत गिल और रियाजुद्दीन को भी सात दिन की रिमांड पर देने का अनुरोध कर सकती है।
बता दें कि बीती 26 नवंबर को एटीएस ने पंजाब के अमृत गिल और गाजियाबाद के रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया था। अदालत ने दोनों की छह दिन की रिमांड मंजूर की थी, जिसके बाद उनसे गहनता से पूछताछ की गयी। आज रिमांड अवधि पूरी होने पर दोनों को वापस जेल भेज दिया गया।
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि इनके तीसरे साथी इजहारुल को भी बिहार की बेतिया जेल से बी-वारंट पर लाकर लखनऊ जेल में दाखिल कराया गया है। शुक्रवार को तीनों की रिमांड मंजूर होने पर उनका आमना-सामना कराया जाएगा। यह पता लगाया जाएगा कि इनको लाखों रुपये कौन भेज रहा था और उनके संपर्क में किन संगठनों के आतंकी और आईएसआई के जासूस थे।
बता दें कि एटीएस को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोगों को संदिग्ध स्रोतों से पैसा मिल रहा है, जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और जासूसी में किया जा रहा है l पैसों के लालच में गोपनीय तथा संवेदनशील सूचनाएं आईएसआई को भेजी जा रही हैं।
इस संबंध में एटीएस ने गाजियाबाद निवासी रियाजुद्दीन, बिहार निवासी इजहारुल और अज्ञात आईएसआई एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जांच के दौरान रियाजुद्दीन के बैंक खातों में मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच लगभग 70 लाख रुपये आने की पुष्टि हुई थी, जिसे बाद में अलग-अलग बैंक खातों में भेजा गया था। इनमें आईएसआई को सेना की गोपनीय सूचनाएं भेजने वाला बठिंडा निवासी ऑटो चालक अमृत गिल भी शामिल था। अमृत गिल ने भारतीय सेना के टैंकों के मूवमेंट की सूचनाएं भेजी थी। जांच में सामने आया कि रियाजुद्दीन एवं इजहारुल की मुलाकात राजस्थान में हुई थी, जहां दोनों वेल्डिंग का काम करते थे।