
लखनऊ नगर निगम।
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मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद नगर निकायों की आय बढ़ाने को लेकर अधिकारी सक्रिय हो गए हैं । इसी कड़ी नगर विकास विभाग ने नगर निकाय क्षेत्रों में गृह कर के निर्धारण को लेकर नया मानक तय कर दिया है। इसके तहत अब सभी नगर निकायों को अब हर तीन महीने में वार्डवार सर्वे करके गृहकर का निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में निदेशक स्थानीय निकाय की ओर से सभी नगर निकायों को दिशा-निर्देश भेजे गए हैं ।
बता दें कि नगर विकास विभाग की हर समीक्षा बैठकों में मुख्यमंत्री का नगर निकायों की आय बढ़ाने पर जोर रहता है । ताकि नगर निकायों की राज्य सरकार पर निर्भरता को कम किया जा सके । इसलिए नगर विकास विभाग को सभी निकायों में गृहकर की शत-प्रतिशत वसूली करने के साथ आय बढ़ाने के नए संसाधनों को बढ़ाने को कहा जा रहा है। इसी कड़ी में निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे शत-प्रतिशत हाउस टैक्स की वसूली करें और शहर में बनने वाले हर घर और प्रतिष्ठान को इसके दायरे में लाया जाए।
निदेशालय की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक निकायों को हर तीन माह में इसका निर्धारण करते हुए निदेशालय को इसकी सूचना भी देनी होगी । नए भवनों का गृहकर निर्धारण करने के लिए वार्डवार सर्वे कराया जाएगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि मकानों की संख्या में इजाफा हुआ है या नहीं। सर्वे में यह भी पता लगाया जाएगा कि मौजूदा मकानों में कोई अतिरिक्त निर्माण तो नहीं हुआ। इसके आधार पर हाउस टैक्स का निर्धारण किया जाएगा।
इसके लिए एक अप्रैल से 30 जून, एक जनवरी से 31 मार्च, और एक अप्रैल से 30 जून की अवधि होगी। इसका विवरण भी त्रैमासिक आधार पर ही स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा जाएगा। इसके बाद भी निकायों द्वारा तय समय पर इसकी सूचना नहीं दी जा रही है। निकायों से इसे तय समय पर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
स्थानीय निकाय निदेशालय ने इस संबंध में सभी निकायों को भेजे निर्देश में कहा है कि उत्तर प्रदेश के वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य प्राप्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंडिकेटर का निर्धारण किया गया है। इसके आधार पर नगर निकायों में स्थित भवनों की संख्या का पता लगाते हुए हाउस टैक्स में त्रैमासिक निर्धारण किया जाएगा।