
लखनऊ हाईकोर्ट
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हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बहराइच की दुष्कर्म पीड़िता का चिकित्सकीय गर्भपात कराने के लिए क्वीन मेरी अस्पताल की महिला एवं प्रसूति विभागाध्यक्ष को आदेश दिए हैं। अदालत ने बहराइच के सीएमओ को आदेश दिया कि पीड़िता को अस्पताल लाने व डिस्चार्ज होने के बाद वापस ले जाने के लिए वे एंबुलेंस की व्यवस्था करें। साथ ही बहराइच के एसपी को आदेश दिया है कि गर्भपात के बाद डीएनए के लिए भ्रूण का नमूना संरक्षित करने के लिए वे महिला कांस्टेबल को तैनात करें।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश पीड़िता की ओर से उसकी माता के जरिए दाखिल याचिका पर दिया। याचिका में पीड़िता का सुरक्षित गर्भपात कराने का आग्रह किया गया था। इसपर कोर्ट ने पहले चिकित्सकीय जांच समिति की रिपोर्ट मांगी थी, जो मंगलवार को कोर्ट में सीलबंद कवर में पेश की गई।
चिकित्सकीय जांच समिति की रिपोर्ट में कोर्ट ने पाया कि पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से अधिक और 19 वर्ष से कम है। उसको 13 सप्ताह 6 दिन का गर्भ है। सलाह दी गई कि गर्भपात के लिए जल्द से जल्द पीड़िता को अस्पताल से संपर्क करना चाहिए। इसपर कोर्ट ने आदेश दिया कि पीड़िता क्वीन मेरी अस्पताल की महिला प्रसूति विभागाध्यक्ष को संपर्क करे। विभागाध्यक्ष पीड़िता को भर्ती कर एक या दो दिन में उसका गर्भपात कराएंगी। कोर्ट ने कहा गर्भपात के बाद जरूरी होने पर पीड़िता को सरकारी खर्चे पर मनोचिकित्सक की मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को नियत की है।