
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार और प्रशासन मिलकर ने सपा समर्थकों के नाम वोटरलिस्ट से या तो डिलीट कर दिए या दूसरे बूथों में शामिल कर दिए गए, ताकि वे अपना वोट न डाल सकें। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अभियान चलाएं। किसी भी वोटर का नाम छूटने न पाए। इसकी तैयारी अभी से विधानसभा स्तर पर करनी होगी।
गुरुवार को राज्य मुख्यालय में समाजवादी पार्टी के सभी विधानसभा अध्यक्षों के साथ बैठक में अखिलेश ने समाजवादी पार्टी का वोट खिसकने से रोकने की रणनीति पर चर्चा की। बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार में अन्याय और अत्याचार चरम पर हैं। आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग भू माफिया बन गए हैं और जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।
अधिकारी, भाजपा नेता और कार्यकर्ता मिलकर बड़े पैमाने पर जमीनें हड़प रहे हैं। सपा प्रमुख ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो रहा है। उनके बजट में कटौती नहीं होनी चाहिए। सरकार के पास पीडीए के आंकड़ों को लेकर कोई जवाब नहीं है।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 40 लाख करोड़ के पूंजीनिवेश का सपना दिखाया, लेकिन पता नहीं कहां कौन सा उद्योग लगा? किसको कौन सी नौकरी मिली? आज किसानों को अपना खेत बचाने के लिए तार लगाने पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हैं, अस्पतालों में इलाज नहीं है। सपा सरकार में कैंसर इंस्टीट्यूट बना था। कानून व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि हत्या और लूट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा जीरो हो चुका है।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगनी नहीं की। अब किसानों को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि खाद का दाम उतना ही है लेकिन खाद की बोरी का वजन 50 किलो से घटाकर 40 किलो कर दिया गया है। एक नामी बिस्कुट ब्रांड का नाम लेते हुए कहा कि वजन घटाकर मुनाफा बनाए रखने का तरीका भाजपा ने उसी बिस्कुट ब्रांड से सीखा है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों का दस लाख करोड़ का कर्ज माफ कर सकती है लेकिन किसानों का कर्ज नहीं माफ किया गया।