Lucknow News: Recruitment board is also contacting other institutions to conduct re-examination.

यूपी पुलिस भर्ती
– फोटो : अमर उजाला

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सिपाही नागरिक पुलिस की सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा कराने के लिए उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड अब अन्य विकल्पों पर भी विचार करने लगा है। बोर्ड ने भर्ती परीक्षा कराने वाली कुछ अन्य सरकारी संस्थाओं से भी संपर्क साधा है, हालांकि अभी किसी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। बता दें कि मुख्यमंत्री के आदेश पर बोर्ड को छह माह के भीतर दोबारा परीक्षा करानी है।

सूत्रों की मानें तो पेपर लीक होने की वजह से परीक्षा कराने का कार्य करने वाली कंपनी को दोबारा मौका दिया जाना मुश्किल है। भर्ती बोर्ड के सामने दिक्कत यह है कि पहले भी परीक्षा कराने के लिए कोई कंपनी रुचि नहीं दर्शा रही थी। टीसीएस के मना करने बाद राजी हुई एक कंपनी को काम तो दिया गया, लेकिन वह परीक्षा सकुशल आयोजित कराने में विफल साबित हुई।

वहीं दूसरी ओर बोर्ड के अधिकारी लिखित परीक्षा के अन्य विकल्पों पर भी विचार करने लगे हैं। दरअसल, बीते कुछ वर्षों के दौरान जो पेपर लीक के मामले सामने आए हैं, उनमें से अधिकतर में प्रश्न पत्र प्रिंटिंग प्रेस की मिलीभगत से लीक होना पाया गया था। हालांकि प्रश्न पत्रों की प्रिंटिंग का काम हाई सिक्योरिटी प्रेस को दिया जाता है, लेकिन वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा प्रेस प्रबंधन का ही रहता है। इसी वजह से भर्ती बोर्ड के अधिकारी यह मंथन कर रहे हैं कि लिखित परीक्षा कराने के लिए क्या तरीका अपनाया जाए।

पेपर लीक के असली गुनहगार को पकड़ना बाकी

सिपाही भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद एसटीएफ और जिला पुलिस अब तक करीब 400 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, हालांकि किसने सबसे पहले पेपर लीक किया, इसका पता नहीं लग सका है। एसटीएफ की टीमें बिहार और हरियाणा में इसका सुराग तलाश रही हैं। फिलहाल दोनों राज्यों के पेपर लीक गिरोह एसटीएफ के राडार पर हैं।



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