
कपड़ा व्यापारियों ने वित्त मंत्री से की मुलाकात
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43बी एच एक्ट लागू होने से परेशान कपड़ा व्यापारियों ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से बुधवार को मुलाकात की। व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से इस एक्ट के तहत एमएसएमई में रजिस्टर उद्यमियों से खरीदे गए माल का भुगतान 45 दिन में अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पूरे देश के कपड़ा व्यापारियों में आक्रोश है।
व्यापारियों ने वित्त मंत्री को ज्ञापन सौंपकर कहा कि कपड़ों का कारोबार उधार पर चलता है। इसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों व ट्रेडर्स से खरीदे हुए माल की रिटेल सेक्टर में 90 से 180 दिनों के बाद ही भुगतान किया जाता है। यह मौखिक करार कंपनीज ट्रेडर्स और फुटकर विक्रेता के बीच होता है। कोरोना के बाद से कपड़ा बाजार में लगातार गिरावट के चलते 50 फीसद से ज्यादा कपड़ा उद्योग प्रभावित हुआ है। इससे 30 फीसद से ज्यादा कारोष्री प्रतिष्ठान बंद करने की कगार पर हैं। एमएसएमई के अंतर्गत 50 करोड़ से कम का व्यापार करने वाले पंजीकृत व्यापारी पर इस एक्ट की बाध्यता लागू की गई है। इनसे माल खरीदने वाले रिटेलर्स और ट्रेडर्स भी नए कानून के दायरे में माने जाएंगे। व्यापारियों ने इस संबंध में राहत दिलाने की मांग की है।
