
सांकेतिक तस्वीर
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लखनऊ में बंथरा में सोमवार को पशु आहार बनाने वाली फैक्ट्री में छापा मारने के मामले में आबकारी निरीक्षकों का खेल उजागर हुआ है। सेक्टर 11 की आबकारी निरीक्षक सुनीता ओझा ने प्रधान आबकारी सिपाही सुमंत मिश्रा और प्रयागराज के आबकारी निरीक्षक आशुतोष उपाध्याय के साथ फैक्ट्री में छापा मारा था। इस दौरान फैक्ट्री के सुपरवाइजर आदित्य ठाकुर को हिरासत में लेकर उससे रिश्वत की मांग की थी। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के मुताबिक मामले का संज्ञान लेकर तीनों को निलंबित कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में तीनों की लापरवाही, कदाचार, एवं स्वेच्छाचारिता पाई गई है।
सेक्टर 11 की आबकारी निरीक्षक ने सोमवार तड़के बंथरा में बनी-मोहनलालगंज बाईपास रोड पर खटोला गांव स्थित कनक कैटल फील्ड प्राइवेट लिमिटेड फर्म में छापा मारा था। इस मामले में आबकारी निरीक्षक ने बंथरा थाने में कंपनी के मालिक गोमती नगर निवासी अभिषेक अग्रवाल, मैनेजर पुष्पेंद्र सिंह और सुपरवाइजर आदित्य ठाकुर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। आबकारी निरीक्षक का कहना था कि फैक्ट्री में अवैध शीरे का भंडारण कर उससे पशु आहार बनाया जा रहा था। फैक्ट्री के अंदर सीमेंटेड शेड से ढ़के हुए ईंट के बने दो टैंकों में भारी मात्रा में शीरा रखा था। इन टैंकों से पाइप के जरिए पशु आहार बनाने वाले गोदाम में एक पाइप गई हुई मिली, जिसका शीरा उसमें टपक रहा था। एफआईआर के बाद आबकारी निरीक्षक वापस लौट गईं।
उधर, फर्म के मालिक ने मामले की शिकायत आबकारी विभाग के अधिकारियों से की। कहा, सुपरवाइजर को हिरासत में रखा गया और उससे मोटी रकम की मांग की गई। कई घंटे तक उसे गाड़ी में लेकर दोनों निरीक्षक और सिपाही उसे घुमाते रहे। जब रिश्वत की मांग पूरी नहीं हुई तो एफआईआर की धमकी दी, लेकिन सुपरवाइजर और मालिक ने रकम देने से मना कर दिया। इसके बाद आबकारी निरीक्षक सुनीता ओझा ने फैक्ट्री के मुख्य शटर पर ताला लगा दिया और बंथरा थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करा दी। सूत्रों का कहना है कि प्रयागराज के आबकारी निरीक्षक आशुतोष उपाध्याय लखनऊ आए थे, जो सुनीता के पूर्व परिचित हैं। बताया जा रहा है कि साजिश के तहत रकम वसूलने के लिए गिरोह बनाकर छापा मारा गया था। एफआईआर में आबकारी निरीक्षक ने छापामारी को उच्चाधिकारियों का निर्देश बता दिया था।