तीन माह में 6928 हैंडपंपों पर खर्च की रकम
गड़बड़ी की आशंका पर एडीओ हुए सक्रिय
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। पिछले तीन महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंपों की रिबोरिंग और मरम्मत में खेल की आशंका है। 6928 हैंडपंपों को ठीक कराने में करीब 10 करोड़ खर्च किए गए हैं। जिले में 1403 हैंडपंपों की रिबोरिंग और 5525 हैंडपंपों की मरम्म्त कराने का दावा किया गया है। गड़बड़ी की आशंका पर डीपीआरओ ने सभी एडीओ ने रिबोर और मरम्मत किए गए हैंडपंपों की स्थलवार रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट आने पर जिले की टीम एक-एक हैंडपंंप की जांच करेगी।
जिले में अप्रैल से जून माह में अब तक ग्राम पंचायतों में 6974 हैंडपंपों के खराब होने का दावा किया गया है। इसमें 1403 हैंडपंपों के रिबोर और 5571 हैंडपंपों के मरम्मत का लक्ष्य रखा गया। हैंडपंपों के मरम्मत और रिबोरिंग की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है। पिछले तीन महीने में ग्राम पंचायतों ने 6928 हैंडपंंपों की रिबोरिंग और मरम्मत में करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इसमें 1403 हैंडपंपों को रिबोर और 5525 हैंडपंपों का मरम्मत कराने का दावा किया गया है।
हैंडपंपों के मरम्मत और रिबोरिंग की रिपोर्ट आने के बाद डीपीआरओ ने स्थलीय सत्यापन के निर्देश दिए हैं। हैंडपंंपों को ठीक कराने में गड़बड़ी की आशंका होने पर सभी एडीओ पंचायत को सात दिन में स्थलवार हैंडपंपों की रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं, जिससे हैंडपंपों की जांच कराई जा सके। डीपीआरओ के सख्त रुख के बाद ब्लॉक के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों में अफरातफरी का माहौल है।
पहले भी पकड़ में आ चुका है खेल
हैंडपंपों के मरम्मत और रिबोरिंग में पूर्व में खेल पकड़ में आ चुके हैं। सही हैंडपंपों की रिबोरिंग करने के मामले में उजागर हो चुके हैं। बिना काम कराए मरम्मत के नाम पर बजट खर्च किया गया है। इस बार भी जांच सही ढंग से कराई गई तो ग्राम पंचायतों में पेयजल व्यवस्था के नाम पर हैंडपंपों की रिबोरिंग और मरम्मत के काम में मनमानी उजागर हो जाएगी।
वर्जन
जिले में तीन माह में 1403 हैंडपंपों की रिबोरिंग और 5525 की मरम्म्त कराई गई है। एडीओ से स्थलवार रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आते ही अधिकारियों की टीम से सत्यापन कराया जाएगा।
– गिरीशचंद्र, डीपीआरओ