सीतापुर। दस वर्ष से अधिक लंबित वादों को समय रहते निस्तारित कर लिया जाएं अन्यथा कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। धारा-80 (कृषि भूमि को अकृषिक घोषित करने) के एक वर्ष से अधिक लंबित वादों को तत्काल निस्तारण किया जाए। शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण करें और एक ही शिकायत अगर बार-बार आती है तो उसका निस्तारण संतुष्टि के आधार पर एक ही बार में कर दिया जाए।
यह निर्देश अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने कलेक्ट्रेट सभागार में लोक कल्याणकारी योजनाओं और लंबित शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान दिए।
उन्होंने आईजीआरएस शिकायतों व आर्थिक सहायता के गुणवत्तापरक और समयबद्ध निस्तारण के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतों को वर्षवार विभाजित कर दिया जाए ताकि स्थितियों का पता चल सके। उन्होंने चकबंदी विभाग के अधिकारियों को चकबंदी के लिए शेष रह गए गांवों में प्रचार-प्रसार करते हुए प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए।
कहा कि चकबंदी का मूल्यांकन क्षेत्र के सर्कल रेट के अनुसार किया जाए। बैठक में डीएम अनुज सिंह, एडीएम राम भरत तिवारी, एडीएम न्यायिक हरिशंकर लाल शुक्ला, नगर मजिस्ट्रेट अमृता सिंह, सभी उपजिलाधिकारी व तहसीलदार उपस्थित रहे।
बाढ़ के दौरान न हो जनहानि
उन्होंने आगामी बाढ़ के दौरान नाव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, राहत किट वितरण और बाढ़ चौकियों की जानकारी ली। कहा कि यदि आवश्यकता हो तो बाढ़ चौकियां को स्थायी बना दिया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की कोई जनहानि न हो।
कार्य अनुसार तहसीलों से संबद्ध हों कानूनगो
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने कहा कि घरौनी के लिए जो भी गांव शेष रहे गये हैं उनकी घरौनी भी कर दी जाए। धारा-24 के तहत सीमांकन लंबित सीमांकन का कार्य तत्काल करा दिया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि चकबंदी में कार्यरत कानूनगो को कार्य के अनुसार सभी तहसीलों में संबद्ध कर दिया जाए।