क्रासर
आवासों की कमी के चलते एम्स को नहीं मिल रहे चिकित्सक
वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिली, जल्द शुरू हो सकता है काम
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में डॉक्टरों की कमी है। कई बार डॉक्टरों के पदों को भरने का प्रयास हुआ, लेकिन चिकित्सक नहीं मिल सके। डॉक्टरों के लिए आवास की पर्याप्त सुविधा न होना इसकी अहम वजह मानी जा रही है। अब वित्त मंत्रालय ने 100 करोड़ की लागत से डॉक्टरों के लिए आवास बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। आवासीय सुविधा मिलने के बाद चिकित्सकों की संख्या बढ़ने के साथ ही मरीजों को बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद जगी है।
एम्स हॉस्पिटल शुरू कराने से पहले आवास बनवाए गए थे। वर्तमान समय में स्थिति यह है कि डॉक्टरों के लिए आवास कम पड़ गए हैं। सीनियर रेजीडेंट व डॉक्टरों के अन्य पदों को भरने के लिए कई बार प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन हर बार ज्यादातर सीटें खाली रह गईं। सूत्रों का कहना है कि आवास की सुविधा न होने के कारण डॉक्टरों की सीटें नहीं भर पा रही हैं। समस्या दूर कराने के लिए एम्स निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने डॉक्टरों के आवासों के लिए प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा था। यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय से भी पास हो गया है। करीब 100 करोड़ की लागत से डॉक्टरों के लिए आवास बनवाए जाएंगे। इन आवासों के बनने से चिकित्सक परिसर में रुकने के साथ ही मरीजों पर ज्यादा ध्यान देंगे। ऐसा होने के बाद मरीजों की चिकित्सकीय सेवाएं बढ़ जाएंगी और मरीजों का बढि़या इलाज शुरू हो जाएगा।
बनेंगे पांच टॉवर, ऊंचाई होगी सात मंजिला
एम्स में चिकित्सकों के रहने के लिए बनने वाले आवास सात मंजिला ऊंचे होंगे। कई टाइप के आवासों के पांच टॉवर बनाए जाएंगे। आवासों में पहुंचने के लिए सीढि़यों के साथ ही लिफ्ट की सुविधा होगी जिससे चिकित्सकों को सातवीं मंजिल पर भी पहुंचने में समस्या न हो।
सीनियर रेजीडेंट के 200 पद, भरे मात्र 30
एम्स में सीनियर रेजीडेंट (एसआर) डॉक्टरों के 200 पद हैं, लेकिन वर्तमान समय में मात्र 30 पद ही भरे हैं। एम्स के उप निदेशक प्रशासन डॉ. एसके सिंह व उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुयश सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री से सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की डिमांड की है। राज्य सरकार की ओर से परास्नातक डॉक्टरों की काउंसलिंग की सूची में रायबरेली एम्स को भी शामिल किया जाए। राज्य सरकार से 38 सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया है। स्वास्थ्यमंत्री को अवगत कराया है कि एसआर की कमी के कारण ओपीडी व इमरजेंसी की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
एम्स को आज पांच साल हुए पूरे
13 अगस्त 2018 से एम्स में शुरू हुई ओपीडी के बाद लगातार चिकित्सीय सेवाएं बढ़ाई गईं। रविवार को पांच साल पूरे हो जाएंगे। पहले से उपलब्ध जमीन पर 1400 छात्रों की क्षमता के छात्रावास व स्टाफ के लिए आवास के साथ ही करीब 278 करोड़ की लागत से 600 बेड के एम्स हॉस्पिटल (चिकित्सीय परिसर) तैयार होने के बाद मरीजों को भर्ती करके इलाज की सुविधा मिल रही है। कैथलैब के साथ ही आईसीयू की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इमरजेंसी सेवा आरंभ करके 24 घंटे मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
वर्जन
एम्स के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। जल्द ही 100 करोड़ मिलने के बाद डॉक्टरों के लिए सात मंजिला आवास बनवाने का काम शुरू होगा। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।
समीर शुक्ला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एम्स