रायबरेली। मॉडल गांवों में करीब 20 करोड़ खर्च न करने और स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत शौचालयों पूर्ण न कराने पर शुक्रवार को डीपीआरओ ने 14 प्रधानों, 18 सहायक विकास अधिकारियों समेत 77 लोगों को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है। सात दिन में जवाब न देने पर प्रधानों के अधिकारों को सीज करने के साथ ही कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

पहले चरण में जिले के 92 गांवों को मॉडल गांव बनाने के लिए करीब 35 करोड़ रुपये दिए गए। इसमें अब तक करीब 20 करोड़ खर्च नहीं किए गए हैं। ग्राम पंचायतों अरखा, राही, धरई, ऊंचाहार देहात, बेलाखारा, बेलागुसीसी, जोहवाशर्की, रसूलपुर, बेलाभेला, बेहटाकला, कठवारा, बैंती, मोन, गोविंदपुर में काम की प्रगति बेहद खराब है। ग्राम पंचायतों में 20 से 30 प्रतिशत धनराशि की खर्च की गई है, जबकि अब तक काम शत प्रतिशत पूरा हो जाना चाहिए था। मामले में डीएम ने संबंधित गांवों के प्रधानों और 17 पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस देकर सात दिन में जवाब देने के आदेश दिए हैं। सही जवाब न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस साल 27 हजार व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य दिया गया है। इसमें 11 हजार लाभार्थियों को पहली किस्त और 6400 लाभार्थियों को दूसरी किस्त दी जा चुकी है। सहायक विकास अधिकारियों की लापरवाही के कारण शौचालयोंं का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। 7536 शौचालयों की फोटो अब तक अपलोड नहीं कराई गईं है। इससे शासन स्तर पर नाराजगी जताई गई है। मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए डीपीआरओ ने ऊंचाहार, जगतपुर, सलोन, डीह, महराजगंज, बछरावां, शिवगढ़, लालगंज, राही, हरचंदपुर, सरेनी सहित सभी 18 ब्लॉकों के एडीओ पंचायत को कारण बताओ नोटिस देकर सात दिन में जवाब देने के आदेश दिए हैं। जवाब सही न आने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जिले के 28 खंड प्रेरकों को भी हटाने की चेतावनी दी गई है।



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