रायबरेली। महज 25 मिनट में तीन परिवारों की खुशियां गम में बदल गईं। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नहीं पाया। घरवाले तो यह मानकर बैठे थे कि उनके बच्चे घर के बाहर खेल रहे होंगे, लेकिन शायद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि अब उनके बच्चों के खेलते समय शोर मचाने की आवाज हमेशा के लिए थम गई है। गांव में शोरगुल मचा तो परिजन दौड़कर तालाब के किनारे पहुंचे। जब बच्चों की लाश बाहर निकली तो परिजन दहाड़़े मारकर रो पड़े। कोई छाती पीटने लगा तो कोई जमीन पर सिर पटक कर कहने लगा भगवान यह क्या हो गया। घरवालों की हालत देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं।

मंगतन का डेरा गांव में शनिवार को हुई घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। जहां अक्सर चहल-पहल का नजारा रहता था, वहां अब सन्नाटा पसर गया। घरों के चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। रीतू, सोनम, अमित, वैशाली, रूपाली की मौत से उनके परिजनों के आंसू नहीं थम रहे हैं। मृतक वैशाली, रुपाली की मां गुड्डू देवी, बहन रवीना, भाई अंकित बिलख रहे हैं। मां गुड्डू देवी कहती हैं कि बेटियां घर के बाहर खेल रही थी। वह अंदर थी। उन्हें क्या पता था कि बेटियां तालाब नहाने पहुंच जाएगी। मृतका सोनम की मां मंजू देवी, बहन, सोनी, रोली के भी आंसू नहीं थम रहे हैं।

मंजू कहती हैं कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि बेटी इस दुनिया में नहीं रही। जिला पंचायत सदस्य संतोष सिंह कहते हैं कि यह घटना सुबह 11 बजे की है। बामुश्किल 25 मिनट में ही यह सब हो गया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नहीं पाया। वह बताते हैं कि शनिवार को दीनशाहगौरा की बाजार थी। यहां के अधिकतर लोग पशुओं की खरीदफरोख्त का काम काम करते हैं। वह बाजार गए हुए थे। कुछ महिलाएं धान लगाने गई थी। जो महिलाएं घर में मौजूद थी, वह घर के अंदर थी। सभी को पता था कि बच्चे घर के बाहर खेल रहे होंगे, लेकिन वह खेलते-खेलते तालाब नहाने पहुंच गए। नतीजतन यह दर्दनाक घटना हो गई।

दर्दनाक हादसे की कहानी घटनास्थल पर मौजूद बच्चे आशीष ने बयांं की। आशीष ने बताया कि पहले सभी बच्चे आपस में खेल रहे थे। कुछ देर बाद अचानक तालाब में नहाने पहुंच गए। दरअसल तालाब गहरा था। बच्चे गहराई को भांप नहीं सके और एक-एक करके तालाब में नहाने के लिए उतर गए। कुछ देर तक तालाब किनारे नहाया और आगे बढ़ गए। तालाब ज्यादा गहरा था। गहराई वाले स्थान पर जाने से सभी डूब गए। मैंने जब यह देखा तो दौड़कर गया और आसपास के लोगों को बुला लाया। जब तक बच्चों को बाहर निकाला जाता, तब तक सभी पांच बच्चों की मौत हो चुकी थी।

मृतका रीतू की मां किरन बेटी की मौत की खबर पाते ही पहले दहाड़े मारकर रो पड़ी और फिर बेहोश हो गई। घरवालों ने पानी के छींटे मारे तो उसे होश आया, लेकिन फिर वह तेजी से रोने लगी। बिलख रही किरन का कहना था कि बेटी घर से खेलने के लिए निकली थी। कब तालाब किनारे पहुंच गई और नहाने लगी। उसे कुछ पता ही नही चल पाया। उधर, रूपाली की मौत से उनके परिजन गमजदा हैं। उनका कहना है कि हम सब रूपाली का इंतजार कर रहे थे कि वह घर आने वाली है। बाद में पता चला कि रूपाली इस दुनिया में नहीं रही।



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