
रायबरेली में मंगलवार को रायबरेली रेलवे स्टेशन परिसर में प्रदर्शन करते ई-रिक्शा चालक।
रायबरेली। शहर में ई-रिक्शा चलाने पर वाहन स्टैंडों पर अवैध वसूली की जा रही है। टोकन का रेट 30 रुपये है, लेकिन प्रति ई-रिक्शा चालक से 50 से 60 रुपये वसूले जा रहे हैं। ठेकेदारों की मनमानी और शिकायत पर नगर पालिका के अधिकारियों की चुप्पी से मंगलवार को ई-रिक्शा चालक भड़क उठे। सभी ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया और अवैध वसूली बंद किए जाने की मांग की।
शहर क्षेत्र में मौजूदा समय में पांच हजार से ज्यादा ई-रिक्शा संचालित हैं। नगर पालिका की ओर से छह वाहन स्टैंडों का ठेका दिया गया है। ठेकेदार और ठेकों पर काम करने वाले लोग ई-रिक्शा चालकों से तय दाम से अधिक रुपये की वसूली करते हैं। ई-रिक्शा चालक मो. नईम, शिव कुमार, बिंदादीन, टिंकू, अकील अहमद आदि ने बताया कि शहर क्षेत्र में जगदीशपुर गंदा नाला, राही रोड, त्रिपुला रोड, राजघाट, मामा चौराहा समेत अन्य स्टैंडों पर हम लोगों से 50 से 60 रुपये की वसूली की जाती है। पैसा न देने पर जानमाल की धमकी दी जाती है। शहर क्षेत्र में ई-रिक्शा नहीं चलाने देते।
प्रदर्शन पर हरकत में आए अफसर
अवैध वसूली का ई-रिक्शा चालकों ने विरोध किया तो अधिकारी तुरंत हरकत में आए। सीओ सदर वंदना सिंह ने अपने कार्यालय में ई-रिक्शा चालकों की शिकायतें सुनीं। सूचना पर ईओ स्वर्ण सिंह, यातायात प्रभारी आशुतोष त्रिपाठी भी सीओ सदर के कार्यालय पहुंचे। सीओ ने ई-रिक्शा चालकों को भरोसा दिलाया कि उनसे अवैध वसूली नहीं की जाएगी। चालक नगर पालिका कार्यालय पहुंचकर पालिकाध्यक्ष शत्रोह्न सोनकर से भी मिले और अपनी बात रखी। पालिकाध्यक्ष ने भी वसूली बंद कराए जाने की बात कही।
पालिका प्रशासन मौन
तत्कालीन ईओ आशीष प्रताप सिंह की तैनाती के दौरान भी यह मामला उठा था तो अवैध वसूली बंद करा दी गई। नए ईओ स्वर्ण सिंह के समय पालिका की तरफ से वाहन स्टैंडों के ठेके दिए। अब इनपर चालकों से वसूली की जा रही है। इसपर डीएम माला श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में संचालित वाहन स्टैंडों पर किसी तरह की अवैध वसूली नहीं होने दी जाएगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। नगर पालिका के अधिकारियों से भी इसपर रोक लगाए जाने के लिए कहा जाएगा।