रायबरेली। स्वच्छ भारत मिशन के तहत चिन्हित गांवों को मॉडल बनाने में पंचायत सचिव आनाकानी कर रहे हैं। संबंधित गांवों की विकास से संबंधित कार्ययोजना तैयार करके उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए थे, लेकिन जिले की 49 पंचायतों के सचिवों ने अब तक कार्ययोजना उपलब्ध नहीं कराई है। समीक्षा के बाद मंगलवार को डीपीआरओ गिरीशचंद्र ने संबंधित पंचायत सचिवों का वेतन रोकने के साथ ही तय समय में काम पूरा न करने पर निलंबन या अन्य कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
स्वच्छ भारत मिशन के फेज दो में जिले के आठ सौ से अधिक गांंवो को मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन सहित अन्य कार्य गांवों में कराए जाने है। इसके लिए पंचायतों को कार्योजना देने के आदेश दिए गए थे, लेकिन ऊंचाहार ब्लॉक के सचिव मो. ईशा, सूर्य कुमार, रुद्र प्रताप सिंह, अभिषेक शुक्ला, पंकज कुमार, दिनेश कुमार, संजीव कुमार, शिवगढ़ के सचिव मोहित, सचिन कुमार, टोकन वर्मा, हेमंत कुमार, सुमित कुमार, मेनका सिंह, दीपिका कुमारी ने अब तक कार्ययोजना नहीं दी है।
इसके अलावा हरचंदपुर ब्लॉक के सचिव विद्यासागर, रमेश कुमार, लज्जावती, संजीव त्रिपाठी, राही के सचिव हंशराज सिंह, सुशीला मौर्या, कमलेश नारायण, सुधीर कुमार, विजय भारती, शैलेंद्र वर्मा, नंदिनी सिंह, आराधना सिंह, शैल पाल, सुषमा वर्मा, पारुल सिंह, कोमल पटेल, रोहनियां के सचिव सुबोध कुमार, घनश्याम सिंह, सतांव की सचिव अपूर्वा मिश्रा, रीता पाल, श्रुति श्रीवास्तव, राजीव कुमार सोनकर, सुष्मिता सिंह, संतशरण, ओम प्रकाश, डीह के सचिव दिवस मिश्रा, सुशील कुमार, जगतपुर के सचिव अशोक कुमार सिंह, संगीता अग्रहरि, अनूप कुमार, अमावां के पंचायत सचिव जुगेश शुक्ला, अमरेश नारायण, महेंद्र शुक्ला व आशुतोष गुप्ता ने भी कार्ययोजना नहीं दी। डीपीआरओ ने सभी का वेतन रोकते हुए जवाब तलब किया है।