सीतापुर/ रामपुर मथुरा। ग्राम पंचायत में आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन्हें विभाग की ओर से विभिन्न कार्य दिए जाते हैं, जिससे उनकी आजीविका चल सके। इस कार्य में जिम्मेदारों की ओर से समूह को कार्य देने में समानता नहीं बरती जा रही है। कई ब्लॉकों में मनमाने तरीके से कार्य दिया गया है।
रामपुर मथुरा ब्लॉक में 661 समूहों से 528 को काम नहीं दिया गया है। इससे इन समूहों के जीवन यापन में दिक्कत हो रही है। ग्राम पंचायतों में महिला रोजगार को प्रेरित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन कर ब्लॉक में पंजीकृत किए गए हैं। इन्हें कार्य दिए जाते हैं। इसमें असमानता बरती जा रही है।
ब्लॉक स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है। रामपुर मथुरा ब्लॉक में 661 स्वयं सहायता समूह पंजीकृत व संचालित हो रहे है। इनमें से 54 समूहों को 206 आंगनबाड़ी केंद्र का पोषाहार बाल विकास परियोजना कार्यालय से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पहुंचाने और 79 समूहों को गांवों में बने सामुदायिक शौचालय को संचालित करने की जिम्मेदारी आवंटित की गई है। इस तरह 661 समूहों में से 133 समूहों को काम आवंटित किया गया है। जबकि शेष 528 समूहों के करीब 4280 लोगो को बेरोजगार किया गया है।
एक समूह को 14 आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषाहार की वितरण की दी जिम्मेदारी
जिम्मेदारों की मेहरबानी से बरियारपुर, सेमरी, गोंडा देवरिया, टेरवा मनिकापुर, कनरखी, उमरी गणेशपुर, ढकवा, दविंदापुर, गौरा ग्राम पंचायत के समूहों को एक से अधिक काम आवंटित किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक चार ग्राम पंचायतों क्रमश: गोंडादेवरिया, गड़चपा, ग्वाहडीह, रायसेनपुर के 14 आंगनबाड़ी केंद्र व गोंडा देवरिया के एक सामुदायिक शौचालय की जिम्मेदारी लोक स्वराज्य आजीविका मिशन स्वयं सहायता समूह को दी गई है। जबकि केवल गोंडा देवरिया गांव से लोक स्वराज आजीविका मिशन सहित 18 समूह ब्लॉक में पंजीकृत व संचालित है। इस प्रकार समूहों से भेदभाव कर बड़े स्तर पर लोगों को छोटे-छोटे स्वरोजगार से वंचित किया जा रहा है।
पूर्व में समूहों की संख्या कम होने के कारण कई ब्लॉकों में कुछ समूहों को अधिक कार्य दिए गए हैं। इसके समाधान के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। संबंधित समूह अपनी शिकायत दर्ज कराकर समाधान करा सकते हैं।
मृगांक शेखर उपाध्याय, जिला मिशन प्रबंधक