रायबरेली। जिले में 69000 भर्ती के अंतर्गत नियुक्त हुए शिक्षकों को तबादला मिलने के बाद भी इसका लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि इन्हें कार्यमुक्त किए जाने पर रोक लग गई है। अगर कोई शिक्षक कार्यमुक्त हो गया है तो उसे तबादले वाले जिले में ज्वाॅइन नहीं कराया जाएगा। ऐसे में उसे लौटकर अपने जिले आना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के इस आदेश से कार्यमुक्त और ज्वाइनिंग के दौरान गहनता से परीक्षण किया जाने लगा। सभी मामलों में पड़ताल के बाद ही कार्यमुक्त और ज्वाइन किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शनिवार को आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में चयनित शिक्षक-शिक्षिका को अगले आदेश तक कार्यमुक्त न किया जाए। ऐसे में तबादला पाने वाले उन शिक्षकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया, जो 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्त हुए थे। इस जिले में 69000 भर्ती के लगभग 20 शिक्षक हैं, जिनका तबादला हुआ है। इन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। ऐसे मामले का अगर कोई शिक्षक किसी जिले से कार्यमुक्त होकर आ गया है तो उसे ज्वाइन नहीं कराया जाएगा। दूसरी तरफ जिले के 17 प्रधानाध्यापकों को पहले से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। इस तरह 185 में से 37 लोग फिलहाल तबादले का लाभ नहीं ले पाएंगे। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देशों के अनुरूप कार्यमुक्त और कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है।
रायबरेली। जिले से स्थानांतरित हुए 185 में से 51 शिक्षक कार्यमुक्त हो गए, जबकि दूसरे जिलों से स्थानांतरित होकर आए 19 शिक्षकों ने ज्वाइन कर लिया है। तबादले वाले शिक्षकों के कार्यमुक्त करने और ज्वाइनिंग कराने के लिए रविवार को छुट्टी के बावजूद बीएसए कार्यालय खुला रहा। सुबह 9 बजे से ही काफी गहमागहमी रही। बीएसए कार्यालय के सभागार में ही कार्यमुक्त और ज्वाइनिंग कराने वाली टीमें सक्रिय रहीं, जिसमें कई खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ कार्यालय स्टाफ एवं शिक्षकों को लगाया गया। अभिलेखों का परीक्षण करने के बाद कार्यमुक्त और कार्यभार ग्रहण कराने की प्रक्रिया पूरी की गई। जिले के 185 शिक्षक जाएंगे तो 435 शिक्षक आएंगे। जिला समन्वयक (एमआईएस) अविलय सिंह ने बताया कि देर शाम तक 51 शिक्षक कार्यमुक्त हुए तो 19 शिक्षकों ने बीएसए दफ्तर में ज्वाइन किया। कार्यमुक्त और कार्यभार की प्रक्रिया रात तक चली।