प्रदेश की चीनी मिलें अब ज्यादा शीरा बेच सकेंगी। इससे एथेनॉल का उत्पादन बढ़ेगा। अधिक मात्रा में शीरा का उत्पादन होने पर इसे अन्य राज्यों व देशों को भी निर्यात किया जा सकेगा। मंगलवार को कैबिनेट बाय सर्कुलेशन के जरिये शीरा नीति 2025-26 को मंजूरी प्रदान कर दी गई।

नई नीति के तहत अब 18 फीसदी शीरा आरक्षित किया सकेगा, बीते वर्ष यह 19 फीसदी निर्धारित किया गया था। शीरा आवंटी को पोर्टल पर उठान की अनुमति प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर उठान करना अनिवार्य होगा।

ऐसा नहीं करने पर शीरा नियंत्रक द्वारा अनारक्षित शीरे के संचय पर आंशिक अथवा पूर्णतया रोक लगाई जा सकती है। इसी तरह देशी मदिरा के लिए आवंटित्त आरक्षित शीरे का उठान संबंधित आसवनी द्वारा निर्धारित समय में नहीं करने पर उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश में शीरे की आवश्यकता के लिए पर्याप्त शीरा उपलब्ध होने पर ही अन्य राज्यों या अन्य राष्ट्रों को शीरे के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। शीरा वर्ष 2025-26 में उत्तराखंड की शीरा अथवा अल्कोहल आधारित रासायनिक इकाईयों को 25 लाख क्विंटल शीरे के निर्यात की अनुमति प्रदान की गई है। शीरा नीति एवं शीरा आगणन के पर्यवेक्षण हेतु एक प्रोजेक्ट मानिटरिंग यूनिट (पीएमयू) की स्थापना की जाएगी।



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