
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में गड़बड़ियां रोकने के लिए सत्यापन का पुख्ता बंदोबस्त होगा। उच्चस्तर के अधिकारियों को भी सत्यापन की जिम्मेदारी दिए जाने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। योजना में सामने आईं गड़बड़ियों को रोकने के उपाय समझने के लिए समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण रविवार को बलिया जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर सरकारी स्कीम में घपले रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। प्रदेश में घपला करने वालों को कड़ी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ रहा है। इसके बावजूद कुछ अधिकारी अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे हैं। बलिया में सामूहिक विवाह योजना में ऐसे लाभार्थियों को भी शामिल किया गया, जिनका विवाह 1-3 वर्षपहले ही हो चुका था। इतना ही नहीं एक लाभार्थी की शादी तय ही नहीं हुई थी। इस मामले में एफआईआर के साथ ही संबंधित अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है।
उच्चस्तर पर तय किया गया है कि सीएम की मंशा के अनुरूप योजना में घपलों को रोकने के कारगर उपाय किए जाएं। अभी लागू शासनादेश में सत्यापन की जिम्मेदारी खंड स्तर के अधिकारियों की है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि खंड स्तर से सत्यापन होने के बाद उनमें से एक निश्चित प्रतिशत का पुन: सत्यापन जिला समाज कल्याण अधिकारी और उप निदेशक समाज कल्याण से भी कराने पर विचार किया जा रहा है। निदेशालय स्तर के अधिकारियों को भी कुछ रैंडम सत्यापन की जिम्मेदारी दी जाएगी। एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा, ताकि गड़बड़ियों की कोई गुंजाइश ही न बचे। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमों में जो भी बदलाव की आवश्यकता होगी, उसे किया जाएगा।