
Lucknow Triple Murder
– फोटो : अमर उजाला
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लखनऊ के मलिहाबाद के तिहरे हत्याकांड की परतें खुलती जा रही हैं। पुलिस की लचर पैरवी के कारण आरोपी लल्लन का शस्त्र लाइसेंस खारिज नहीं हो सका। खास बात ये है कि लल्लन खान उर्फ सिराज ने वर्ष 1974 में पहली हत्या की थी और उसके पांच साल बाद ही शस्त्र लाइसेंस बनवा लिया।
पुलिस की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1980 में मलिहाबाद पुलिस ने सिराज की हिस्ट्रीशीट खोली थी और तभी आरोपी के शस्त्र लाइसेंस के लिए पुलिस रिपोर्ट भी भेजी गई थी।
जिला प्रशासन की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी लल्लन के नाम दो शस्त्र लाइसेंस हैं। डीबीबीएल गन का लाइसेंस उसने एक जून 1979 को बनवाया था, जिसकी पुलिस रिपोर्ट हसनगंज कोतवाली से लगी थी।
वहीं, दूसरी एनपी बोर रायफल का लाइसेंस उसने एक जुलाई 1980 को बनवाया था। हालांकि 25 अगस्त 1992 को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट ने लल्लन के दोनों शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए थे।