लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों की रैंकिंग करेगा। इसके साथ ही नियमित निरीक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। अमर उजाला के अभियान के बाद लविवि ने कॉलेजों में नाममात्र के दाखिले को लेकर रणनीति बनाई है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मुताबिक दाखिलों की संख्या बढ़ाने के लिए गुणवत्ता में सुधार सबसे जरूरी है।

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उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान पटरी से उतरा सत्र इस बार वापस नियमित हो गया है। अब हमारे पास कॉलेजों में सुधार करने का मौका है। इसके तहत कॉलेजों का निरीक्षण कर पढ़ाई की स्थिति देखी जाएगी। यदि किसी कॉलेज में कक्षाएं नहीं चल रही हैं तो इस पर मंथन करने की जरूरत है। कॉलेज प्रशासन को नियमित कक्षाएं चलानी हैं। यदि वे कम दाखिलों की वजह से कक्षाएं नहीं संचालित कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह सभी कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी। यह रैंकिंग कोर्सवार, सरकारी और गैरसरकारी श्रेणी में हो सकती है। इसके पैरामीटर तय किए जा रहे हैं।

शिक्षक करें मंथन, क्यों नहीं हो रहे दाखिले कुलपति के मुताबिक जहां-जहां दाखिले नहीं हो रहे हैं, वहां के शिक्षकों को इस पर विचार करना चाहिए। लविवि के ज्यादातर पाठ्यक्रमों को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखने को मिला है। कुछ कोर्स में दाखिले कम हुए हैं, वहां समीक्षा की जरूरत है। वहीं, जिन कॉलेजों में एडमिशन नहीं हो रहे हैं, उन्हें इस दिशा में काम करना चाहिए।

एक्सेल शीट में वेबसाइट पर पड़ेगी शिक्षकों की सूची

कॉलेजों में अयोग्य शिक्षकों के भरोसे कक्षाएं संचालन को भी लविवि प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। कुलपति के मुताबिक सभी स्थायी मान्यता वाले निजी और सरकारी कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की सूची एक्सेल शीट पर उनकी फोटो के साथ वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। इससे दोहरे अनुमोदन और फर्जी शिक्षकों की समस्या दूर होगी। विद्यार्थी और उसके माता-पिता को भी पता होगा कि जिस शिक्षक का नाम वेबसाइट पर है, उनको वही पढ़ा रहा है।



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