लखनऊ के मोहनलालगंज के धनुवासाड़ निवासी छात्र यश के ऑनलाइन गेम में 14 लाख रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या करने के मामले में पुलिस को अब तक कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी मिली है, लेकिन मोबाइल धारक और खाताधारकों का पता नहीं चल सका है।
यश के पिता के खाते से हुए सभी ट्रांजेक्शन की पूरी ट्रेल पुलिस खंगाल रही है। जांच में बिहार के गिरोह की दो महिलाओं के नाम सामने आने के बाद पुलिस अपनी पड़ताल तेज कर रही है। पिता सुरेश यादव के कॉल डिटेल रिकॉर्ड में मिले कुछ फोन नंबरों को भी रडार पर रखा गया है, और इन तक पहुंचने के लिए सर्विलांस सेल की मदद ली जाएगी।
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यश का शव देख विलाप करतीं मां विमला देवी और अन्य
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
गेम के आखिरी दांव में जिंदगी हार गया
पुलिस जांच में पता चला कि यश ने छोटे दांव से शुरुआत की थी और बाद में बड़ी रकम की बाजी लगाई। इस दौरान उसने पिता के खाते की पूरी रकम गेम में लगा दी। पैसों के ट्रांजेक्शन से लगता है कि यश ने अंतिम दौर में पिता के पैसों को वापस पाने के लिए जोखिम भरा दांव लगाया।
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यश खुदकुशी मामले की जांच करती पुलिस और उसके पिता सुरेश
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पैसों से बढ़कर थी बेटे की जान
यश के घर रविवार को कुछ रिश्तेदार आए। उनसे पिता सुरेश ने कहा कि यदि यश ने समय रहते पूरी बात बताई होती, तो पैसे की हानि मायने नहीं रखती। उनके लिए बेटे की जिंदगी सबसे कीमती थी, लेकिन डर के कारण उसने बात छुपाई और गलत कदम उठा लिया।
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मोहनलालगंज के धनुवासाड़ गांव में यश का शव देख विलाप करतीं मां विमला देवी और पिता सुरेश
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
ऑनलाइन गेम में 14 लाख रुपये हारने के बाद यश के आत्महत्या करने के मामले में पुलिस की जांच जारी है। जांच में सामने आया है कि ऑनलाइन गेम के बहाने बिहार के गिरोह की युवती भी यश को गुमराह कर रकम वसूल रही थी। उसका साथी भी छात्र के संपर्क में था। दोनों ने यश से कीमती सामान की खरीदारी कराई थी। यश यूपीआई से भुगतान करता था। पिता सुरेश यादव के बैंक खातों की जांच में सामने आया कि खाते से 400 से अधिक बार बिहार के छह खातों में रकम भेजी गई थी।
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मोहनलालगंज के धनुवासाड़ गांव में यश का शव देख विलाप करतीं मां विमला देवी और अन्य
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इनमें से एक महिला के नाम से है। यूनियन बैंक की बिजनौर शाखा के मैनेजर से यश के पिता के खातों का ब्योरा मांगा गया है। मैनेजर ने मुंबई के हेड ऑफिस से इसकी अनुमति मांगी है। शाखा प्रबंधक ने अन्य खातों का विवरण भी उपलब्ध कराने की बात कही है। यश गिरोह के चंगुल में बुरी तरह फंस गया था।