Maa Annapurna: More than four lakh devotees attended the court of Annapurna, five lakh coins were distributed

स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा
– फोटो : अमर उजाला

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समय शुक्रवार दोपहर 1.15 बजे…। मां अन्नपूर्णा स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की दो किलोमीटर से अधिक लंबी कतार। मंदिर के कपाट खुलते ही पूरा परिसर काशीपुराधीश्वरी के जयकारे से गूंज उठा। 24 घंटे पहले से ही कतार में लगे भक्तों की थकान मां के दर्शन करने भर से दूर हो गई। श्रद्धा और भक्ति का उल्लास ऐसा था कि हर कोई बस मां की स्वर्णिम आभा को मन में बसा लेने को आतुर था। शुक्रवार से पंच दिवसीय दर्शन-पूजन की शुरुआत हो गई।

शुक्रवार को माता अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला अनवरत जारी था। 24 घंटे पहले से ही कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने सुबह गंगा स्नान कर कतारबद्ध होते गए। वहीं पीछे-पीछे कतार भी आगे बढ़ती जा रही थी। एक कतार तो गोदौलिया से आगे दशाश्वमेध की तरफ मुड़ गई तो दूसरी कतार चौक की तरफ बढ़ गई। महंत ने माता का स्वर्ण शृंगार किया और इसके बाद पहले दिन शुभ लग्न में अर्चक डाॅ. राम नारायण द्विवेदी और सत्य नारायण के आचार्यत्व में महंत शंकर पुरी ने पूजन शुरू किया। लगभग एक घंटे विधि पूर्वक पूजन के बाद मां की आरती उतारी गई। इसके बाद खजाने का पूजन हुआ। दोपहर सवा एक बजे आम भक्तों के लिए पट खोल दिए गए। अस्थायी सीढ़ी से होते हुए श्रद्धालु मां की स्वर्णिम प्रतिमा के सामने पहुंचे तो एक झलक मिलते ही ऐसा लगा कि मानो सब कुछ मिल गया। भक्तों ने माता से सुख और साैभाग्य का आशीर्वाद मांगा। भीड़ इतनी थी कि टुकड़ों-टुकड़ों में भीड़ को छोड़ा जा रहा था। भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मी व मंदिर के वाॅलंटियर्स को काफी मशक्कत करनी पड़ी। शयन आरती के बाद कपाट बंद कर दिए गए। शनिवार को फिर भोर में मंगला आरती से माता के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन शुरू हो जाएंगे। श्रद्धालु 14 नवंबर तक दर्शन पूजन कर सकेंगे।

 



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