Mafia running rice smuggling game from 574 sacks of government ration were seized

पकड़ा गया राशन गोदाम।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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आगरा में मुफ्त राशन में बंटने वाले चावल माफिया की जड़ कितनी गहरी हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर भी कमिश्नरेट पुलिस इनके नेटवर्क को नहीं तोड़ सकी। माफिया सुमित अग्रवाल जेल में है। बाहर उसके साले मनीष अग्रवाल ने गद्दी संभाल ली थी। इससे कमिश्नरेट पुलिस और पूर्ति विभाग पर माफिया से मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।

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अछनेरा स्थित रायभा में नगला बुद्ध मार्ग पर मनीष अग्रवाल के गोदाम में 574 बोरी सरकारी राशन का चावल पकड़ा गया। इससे पहले इसी गोदाम के बराबर में 11 सितंबर को 300 बोरी सरकारी चावल पकड़ा गया था। सुमित व मनीष के खिलाफ अछनेरा में मुकदमा दर्ज हुआ।

सुमित व मनीष को बार-बार एफआईआर और गिरफ्तारी के बावजूद पुलिस की लापरवाही से जमानत मिल जाती। फिर वही काम करने लगता। सुमित को पिछले  चार महीने में तीन बार गिरफ्तार किया। आखिरी बार 26 दिसंबर को पुलिस ने सुमित अग्रवाल, हेमेंद्र उर्फ गोपाल और झब्बू को जेल भेजा था।

इनके विरुद्ध संगठित अपराध की धारा में कार्रवाई की गई। लेकिन, माफिया सुमित के जेल जाने के बाद भी मुफ्त बंटने वाले चावल की कोटेदार, लाभर्थियों और आपूर्तिकर्ताओं से खरीदकर चावल की तस्करी हरियाणा में हो रही है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार सुमित के जेल जाने के बाद उसने इस काले कारोबार की कमान मनीष को सौंप दी। जिसके बाद मनीष एजेंट के माध्यम से किरावली, खेरागढ़, एत्मादपुर से लेकर बाह व फतेहाबाद तक से राशन का माल उठाकर अवैध रूप से उसका भंडारण कर रहा था।

पुलिस ने नहीं लिया रिमांड पर

कमिश्नरेट पुलिस की लापरवाही देखिए। जिस माफिया को संगठित अपराध में जेल भेजा। उसके नेटवर्क का पता लगाने के लिए रिमांड तक नहीं ली गई। राशन माफिया से नजदीकियों के कारण एडीएम आपूर्ति रहीं सुशीला अग्रवाल को आगरा से हटाया गया था। जानकारों का कहना है कि माफिया का एक मामा निकट के जिले में एडीएम है। पर्दे के पीछे से उसे संरक्षण मिल रहा है।

सख्त कार्रवाई होगी

जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि राशन माफिया का नटवर्क खत्म होगा। पुलिस के सहयोग से जड़ से उखाड़ने पर चर्चा करेंगे। सख्त कार्रवाई की जाएगी। 



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