Mahakumbh: 350 monks took Naga initiation in Niranjani Akhara, Swami Kailashanand Giri did the initiation

निरंजनी अखाड़े में संन्यासियों को दीक्षा देते आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि।
– फोटो : अमर उजाला।

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श्रीपंचायती दशनाम निरंजनी अखाड़ा ने महाकुंभ में 10 महिलाओं समेत 350 साधुओं को नागा दीक्षा दी। रविवार तड़के आचार्य महामंडलेश्वर की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सभी संस्कार पूरे कराकर उनको नागा संन्यासी के तौर पर दीक्षित किया गया। धर्मध्वजा के नीचे भगवान कार्तिकेय के जयकारे संग अखाड़े में उनके शामिल होने की उद्घोषणा हुई। निरंजनी अखाड़े के 18 मढ़ी ने पुकार के बाद शनिवार से संस्कार क्रिया आरंभ की।

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देर शाम अखाड़े के ईष्ट भगवान कार्तिकेय की कुटिया के सामने धार्मिक संस्कार आरंभ हुए। इसके बाद उनको गंगा घाट ले जाया गया। यहां क्षौर कर्म, जनेऊ समेत अन्य संस्कार पूरे कराए गए। गंगा में 108 डुबकी लगाने के बाद धर्मध्वजा के नीचे कठिन साधना आरंभ हुई। पंच गुरु ने पंच कर्म क्रिया की। पंच गुरुओं ने अलग-अलग पांच वस्तुएं प्रदान कीं। सामाजिक बंधन कटाने के लिए गुरु ने उनकी शिखा काटी। इसके साथ पिंडदान समेत अन्य संस्कार कराए गए।

गुरु की आज्ञा के बाद अखाड़े के नागा संन्यासी ने नस तोड़ क्रिया की। परंपरा के मुताबिक विजया हवन के बाद आचार्य महामंडलेश्वर ने उनको संन्यास दीक्षा दी। करीब 48 घंटे तक चली इन जटिल क्रियाओं के बाद सभी को दोबारा गंगा तट ले जाया गया। संन्यास दीक्षा अखाड़ा सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि, महंत दिनेश गिरि, महंत राधे गिरि, महंत भूपेंद्र गिरि, महंत ओमकार गिरि की देखरेख में पूरी की गई।



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