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मकर संक्रांति 2025 – फोटो : अमर उजाला
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हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति 14 जनवरी की है या 15 जनवरी की, इसे लेकर लोगों में संशय है। ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाई जाएगी। भगवान सूर्य उसी दिन धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और उसी दिन मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
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2.36 घंटे का रहेगा महापुण्य काल
अबकी बार मकर संक्रांति पर 2.36 घंटे महापुण्य काल रहेगा। सुबह 9.30 बजे से 12.06 बजे तक गंगा स्नान कर दान-पुण्य किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुबह 8.56 से शाम 5.41 तक मकर संक्रांति का सर्वोत्तम समय माना जाएगा। पूरे दिन गंगा स्नान एवं दान से लाभ मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य प्रकाश शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ और उन्नतिकारक है। सूर्य को जल का अर्घ्य देने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रहों को मजबूती मिलती है। ज्योतिषाचार्य हिमांशु पाराशर ने बताया कि 14 जनवरी को सुबह 5.27 बजे से 6.21 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। अमृत काल का शुभ मुहूर्त सुबह 7.55 से 9.29 बजे तक रहेगा।