वीर शिरोमणि Maharana Pratap की पुण्यतिथि अवसर पर 28 साल से शिव चौक धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह व गणमान्य लोगों ने महाराणा प्रताप की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा राष्ट्रहित मैं उनकी उनकी वीरता त्याग का गुणगान किया.
Maharana Pratap ने अपने जीवनभर में मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और उनकी वीरता, साहस और निष्ठा के लिए वे प्रसिद्ध हैं। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में लगातार मेवाड़ी अस्मिता और स्वतंत्रता को बचाए रखा। 19 जनवरी को जाबांज महाराणा प्रताप वीरगति को प्राप्त हुए। हर साल 19 जनवरी का दिन महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं
मास्टर विजय सिंह ने कहा महाराणा प्रताप ने राष्ट्र के लिए जंगल में रहकर अनेक कष्ट सहन किए तथा घास की रोटियां तक खाई और लड़ते रहे उन्होंने अधीनता स्वीकार नहीं की जो आज राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक है राजपूत महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र पंडित ने कहा उनका भाल्ला व चेतक के किस्से सर्वव्यापी . बहादुरी और राष्ट्रीयता के लिए ही उन्हें वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप कहा गया
आज उनकी पुण्यतिथि है इस अवसर पर उनकी बहादुरी को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं इस अवसर पर राजेंद्र पुंडीर मास्टर विजय सिंह राजपाल प्रेमचंद विकास कुलदीप राजवीर त्यागी सोमपाल शामिल रहे