
Shiv Vivah In Varanasi
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महाशिवरात्रि पर शिवभक्त भगवान शिव और माता गौरा के विवाह के साक्षी बनेंगे। पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का आवास जनवासा बनेगा तो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह मंडप में तब्दील हो जाएगा। शिवयोग, सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि योग और शुक्र प्रदोष के संयोग में महाशिवरात्रि का महापर्व मनेगा। भगवान शिव और मां गौरा के विवाहोत्सव के आयोजन होंगे।
भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के अनुष्ठान हल्दी की रस्म के साथ शुरू हो गए हैं। टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत के आवास पर हल्दी के लोकाचार के बाद विवाह के मंगल गीत अनवरत गूंज रहे हैं। आज शहर के सभी शिवालयों में शिव विवाह के अनुष्ठान होंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में शुक्रवार की रात नौ बजे के बाद विवाह के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
सप्तर्षि आरती और मंत्रों से विवाह के लोकाचार संपन्न होंगे। मंदिर के अर्चक ही वर और वधू पक्ष की भूमिका में वैदिक परंपरा के अनुसार बाबा का विवाह संपन्न कराएंगे। रात भर चार प्रहर की आरती के साथ विवाह के उत्सव भोर तक अनवरत चलेंगे। बाबा की चल रजत प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कराया जाएगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार को होने से इसका शुभ प्रभाव और भी बढ़ जाता है। शिव योग में महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव तक आपकी प्रार्थना शीघ्र ही पहुंच जाती है। निशीथ काल में पूजा के दौरान सिद्धि योग बन रहा है जो शिव की पूजा का संपूर्ण फल प्रदान करेगा।