
मैनपुरी के थाना कुर्रा क्षेत्र के गांव गदनपुर में सेवानिवृत्त शिक्षक के कबीरपंथ अपनाने के मामले ने धर्म परिवर्तन के रूप में तूल पकड़ लिया। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने हंगामा किया। शिक्षक के एक खानदानी भाई ने भी आरोप लगाया कि प्रलोभन देकर उन पर भी धर्म बदलने का दबाव डाला जा रहा है। पुलिस जांच में सेवानिवृत्त शिक्षक के घर से कुछ धार्मिक सामग्री भी मिलीं। साथ ही घर के पीछे मृत पत्नी की कब्र के बराबर में शिक्षक ने जीवित रहते हुए अपनी भी कब्र बनवा ली है। हालांकि, मामले में प्रधानी चुनाव से जुड़ा विवाद भी सामने आ रहा है।

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माैके पर जुटी भीड़।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
गदनपुर गांव में 82 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक रहते हैं। उन पर आरोप है कि वह अपने चचेरे भाई और एक अन्य व्यक्ति को भी प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बना रहे हैं। उक्त लोगों ने विश्व हिंदू परिषद को सूचना दी। मौके पर पहुंचे विहिप के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने गांव जाकर हंगामा करते हुए कार्रवाई की मांग की।

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मैनपुरी कब्र केस।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सूचना पर थाना पुलिस के साथ एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह, सीओ सच्चिदानंद भी पहुंच गए। पुलिस ने रिटायर्ड शिक्षक के घर की जांच की तो उनके घर से पिछले हिस्से में स्वर्गवासी पत्नी की पक्की कब्र और खुद के लिए बनवाई गई कब्र मिली। जीवित रहते शिक्षक द्वारा अपनी पक्की कब्र, पत्नी की कब्र के बगल में बनवाए जाने की स्थिति देख पुलिस भी हैरत में पड़ गई। इसके अलावा घर से चादर आदि भी मिलीं।

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जांच करती पुलिस।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुत्र न होने पर दरगाह में मन्नत मांगी और बन गए कबीरपंथी
सेवानिवृत्त शिक्षक ने पुलिस को बताया कि उनके खिलाफ शिकायत करने वाला पक्ष प्रधानी चुनाव को लेकर यह विवाद कर रहा है। गांव में सड़क डलवाई जा रही है, जिसको लेकर दो धड़े आपस में बंटे हैं। रिटायर्ड शिक्षक ने बताया कि शादी के बाद उसकी पत्नी को काफी वर्षों तक संतान नहीं हुई थी। इसके चलते किसी के बताने पर वह दरगाह गया था। वहां मन्नत मांगने के बाद उसकी पत्नी को तीन बेटे और दो बेटियां हुईं।

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माैके पर हंंगामा करते लोग।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
तीन में से एक बेटा दरोगा, एक शिक्षामित्र, एक बीमा एजेंट है। बेटियों की भी शादी कर दी है। शादी विवाह अपने ही धर्म-बिरादरी में किए हैं। वह कबीरपंथ को मानते हैं। सभी धर्मों को समान दर्जा देने की बात लोगों से कहते हैं। किसी पर भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव नहीं डाला। पुलिस ने तीन शिकायतकर्ताओं के अलावा अन्य ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने की बात से मना किया।