
मकर संक्रांति
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खिचड़ी पर्व यानी मकर संक्रांति 14 जनवरी को है या 15 जनवरी को, इसे लेकर संशय खत्म हो गया है। 77 वर्षों बाद दो विशेष योग में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने कहा है कि सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के संक्रमण काल को संक्रांति कहा जाता है। एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं। जिसमें चार संक्रांति मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति बेहद महत्वपूर्ण मानी गई हैं। पौष मास में जब सूर्य धनु राशि से निकल मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इसी दिन से खरमास समाप्त हो जाते हैं और सभी मांगलिक कार्यों पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा।
उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति पर्व इस बार असमंजस की स्थिति में है। 14 जनवरी या 15 जनवरी को यह पर्व मनाया जाए इस स्थिति को दूर करते हुए उन्होंने बताया कि इस बार 14 जनवरी को रात्रि 02:43 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। अतः इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। 77 वर्षों बाद इस बार मकर संक्रांति पर्व पर वरीयान योग प्रात: 02:40 से रात्रि 11:11बजे तक और रवि योग प्रातः 07:15 से 08:07 बजे तक के विशेष संयोग बन रहे है। इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे।