
18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिमास
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न पुरुषोत्तम समो मास: अर्थात पुरुषोत्तम मास के समान दूसरा कोई महीना नहीं। सावन के साथ अधिमास का संयोग होने से भक्तों पर भगवान विष्णु के साथ ही महादेव की कृपा भी बरसेगी। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिमास के दौरान काशी में पंचक्रोशी परिक्रमा का पुण्य पथ भी श्रद्धालुओं से गुलजार रहेगा।
काशी में पुरुषोत्तम मास में भगवान पुरुषोत्तम की पूजा की जाती है। भगवान के मंदिर में 33 कोटि देवताओं के निमित्त 33 मालपुआ अर्पित किया जाता है। ज्योतिषविद विमल जैन ने बताया कि अधिक मास की शुरुआत 17 जुलाई को अर्द्धरात्रि 12:02 बजे से हो रही है। अधिमास 16 अगस्त को दिन में 3:08 बजे समाप्त होगा।
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पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर यात्रा का विधान
ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि अधिक मास में फल प्राप्ति की कामना से किए जाने वाले सभी कार्य वर्जित हो जाते हैं। पुरुषोत्तम भगवान के मंदिर में रोजाना दर्शन पूजन, कथा श्रवण और व्रत नियम से करना चाहिए। कांस्य पात्र में अन्न-वस्त्र और 33 मालपुआ के दान का विशेष महत्व है। इस दौरान काशी के पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर यात्रा का विधान है। श्रद्धालु मणिकर्णिका पर संकल्प और बाबा विश्वनाथ की अनुमति लेकर पंचक्रोशी की परिक्रमा करते हैं।