
आरोपी मंगल सिंह
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तीन महीने तक जाली दस्तावेजों के आधार पर बरेली में अग्निवीर की नौकरी कर रहे मंगल सिंह की मंशा को लेकर खुफिया एजेंसियां और आर्मी इंटेलिजेंस सक्रिय हो गई हैं। पता लगा है कि पूरी व्यवस्था को गच्चा देकर नौकरी करने वाला मंगल सिंह अपने उस्ताद सुखदेव सिंह की मामूली चूक की वजह से फंस गया।
पंजाब के जिला फाजिल्का का मूल निवासी मंगल सिंह जब भर्ती होकर जाट रेजिमेंट में आया तो उसका फिंगरप्रिंट मिलान किया गया था। सूत्र बताते हैं कि उस वक्त मिलान न हो सका। दो-तीन बार प्रयास करने पर सिस्टम लॉक हो गया था। कई बार अंगूठे में मोड़ या अन्य समस्या से भी मिलान नहीं हो पाता है, इस लिहाज से जांच तब टल गई।
सूत्र बताते हैं कि जिस सुखदेव के कागजों पर मंगल सिंह नौकरी कर रहा था, वह भी उसी के गांव का निवासी है। मंगल सिंह को नौकरी के लिए तैयार करने में सुखदेव का ही योगदान था। अपने कागजात भी उसी ने लगाए थे।
हाल ही में सुखदेव ने अपने गांव में जाकर राशन लिया तो उसके फिंगरप्रिंट मशीन में लगते ही जेआरसी को उसकी सूचना मिल गई। स्थानीय मशीन में भी फिंगरप्रिंट का मिलान हो गया। इसके बाद मंगल सिंह को पकड़ लिया गया। सूत्र बताते हैं कि मंगल और सुखदेव का जिला पाकिस्तान की सीमा से सटा है। इस लिहाज से भी एजेंसियां जांच में जुटी हैं।
