Management Guru and IIM manager Naveen Krishna Rai gave advice for economic development of Lucknow

नवीन कृष्ण राय ने दिए टिप्स।
– फोटो : अमर उजाला

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जिला स्तरीय व्यापार बन्धु समिति लखनऊ की बैठक जिलाधिकारी लखनऊ श्री सूर्य पाल गंगवार द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित अब्दुल कलाम सभागार में समन्वय बैठक आहूत की गई जिसमें सभी विभागीय अधिकारियों व उपायुक्त (प्रशासन) राज्य कर एवं अन्य अधिकारियों कि साथ-साथ नगर क्षेत्र लखनऊ के समस्त व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस बैठक में ज़िलाधिकारी के अभिनव पहल के अन्तर्गत लखनऊ ज़िला के उद्यमियों और व्यापारियों को मैनेजमेंट से संबंधित जानकारी साझा करने और देश-दुनिया में उद्योगों क्षेत्र के विभिन्न अध्ययनों व शोधों पर चर्चा करने के लिए आईआईएम इन्दौर के मैनेजर और मैनेजमेंट गुरु नवीन कृष्ण राय को आमंत्रित किया गया था।

नवीन ने इस बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग करते हुए बैठक में प्रतिभाग कर रहे सभी उद्यमियों और व्यापारियों को स्ट्रेटेजी मैनेजमेंट के “पोर्टर के पाँच फ़र्सेज़” कॉन्सेप्ट के बारे में  बताया। यह कॉन्सेप्ट दरअसल किसी भी इंडस्ट्री के मज़बूत और कमजोर पक्षों को पता करने के लिए उपयोग किया जाता है।इस मॉडल की मदद से किसी भी इंडस्ट्री के कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी को बेहतर तरीक़े से बनाया जा सकता है।

इसके अलावा उन्होंने फर्दोस और डी मेयर द्वारा दिये गये ‘सैंडकोन’ मॉडल ऑफ ऑपरेशंस एक्सीलेंस के बारे में भी बात किया। इसकी मदद से उन्होंने बताया कि किसी भी उद्योगिक यूनिट के अन्तर्गत आने वाले कुछ ऑपरेशनल क्षमताएं एक दूसरे की मदद करते हैं, जो एक संचयी तरीके से ऑपरेशंस एक्सीलेंस प्राप्त करने के रास्ते को आसान बनाते हैं। इसके माध्यम से उन्होंने बताया कि ऑपरेशनल क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक आदर्श क्रम होता है। 

उन्होंने बताया कि किसी भी उद्योग को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता अपने उत्पाद की क्वालिटी को बेहतर करने को देना चाहिए। उसके बाद की प्राथमिकताओं के क्रम में उद्योग की डिपेंडबिलिटी सुनिश्चित करना, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना और उत्पादन की गति को तेज करना होनी चाहिए। जबकि उत्पादन लागत को कम करने को सबसे कम प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया प्राथमिकता के इन सभी बिंदुओं पर एक साथ कार्य किया जाना चाहिए अर्थात् कि कम प्राथमिकता वाले बिंदुओं पर कार्य करने के दौरान अधिक प्राथमिकता वाले बिंदुओं को बेहतर करने पर समानांतर कार्य करते रहना चाहिए।

बैठक में जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, नगर निगम, विद्युत विभाग, एलडीए, तथा उद्योग से सम्बन्धित अन्य विभागों के प्रतिनिधि एवं विभिन्न औद्योगिक व व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी एवं उद्यमीगण व व्यापारीगण उपस्थित रहे।



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