Managers and Principals will be held guilty if salaries are issued incorrectly

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– फोटो : अमर उजाला

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माध्यमिक शिक्षा विभाग में उच्च न्यायालय के आदेश से वेतन प्राप्त करने वालों की जानकारी प्रबंधक और प्रधानाचार्यों को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में देनी होगी। संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी विद्यालय के प्रबंधक और प्रधानाचार्य को इस बारे में पत्र भेजा है। यह जानकारी दिए बिना वेतन जारी होने पर प्रबंधक और प्रधानाचार्य को दोषी माना जाएगा।

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शिक्षक अजय पाल सिंह को विभाग की तरफ से कई सालों तक वेतन प्रदान किया गया। जांच होने पर वर्ष 1992 में नियुक्ति समाप्त होने की सच्चाई सामने आई। इस पर विधान परिषद की टीम ने जिलाधिकारी से सारा रिकॉर्ड मांगा गया है। इसी बारे में संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज गिरी और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) डॉ. मानवेंद्र सिंह पत्र भेजा है।

पत्र में कहा है कि माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों और कर्मचारियों के भुगतान से पहले उच्च न्यायालय के आदेश का ठीक से परीक्षण कर लें। कोई गलत वेतन जारी हो रहा है, तो उसे तत्काल रोकें। विभाग में दो दर्जन से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के विवाद न्यायालय में हैं लेकिन वेतन दिया जा रहा है।

ऐसा ही मामला अहमदिया हनीफिया इंटर कॉलेज का है, जहां पर 8 शिक्षकों को वेतन मिल रहा है। एंग्लो बंगाली कन्या इंटर कॉलेज में तीन शिक्षिकाओं का मामला भी वेतन से जुड़ा है। मामले अधिकारियों के संज्ञान में है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। डीआईओएस ने बताया कि हर प्रबंधक और प्रधानाचार्य को जानकारी देना आवश्यक है।

 



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