Manmohan Singh When Atal Bihari Vajpayee came out in support of Manmohan Singh budget

फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला

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वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव के बाद कांग्रेस नेता पीवी नरसिंह राव प्रधानमंत्री बनाए गए। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था। मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय का भार सौंपा गया। दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों की निगाहें आगामी बजट पर टिकी थीं। मनमोहन सिंह ने 5389 करोड़ रुपये का घाटे का संतुलित बजट पेश किया। विपक्ष अधिक आलोचना नहीं कर सका। अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा ने बजट का समर्थन किया।

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अमर उजाला में 1 मार्च, 1992 को प्रकाशित खबर के अनुसार, तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने विषम आर्थिक परिस्थितियों में क्रांतिकारी केंद्रीय बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने लगभग सभी वर्गों को खुश रखने की रणनीति अपनाकर संतुलित बजट पेश किया।

जिस पर भाजपा, राष्ट्रीय मोर्चा और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षियों ने प्रतिक्रिया दी। बजट की कुछ खास आलोचना नहीं कर सके। भाजपा ने तत्कालीन आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए अच्छा बताया। 

वहीं, राष्ट्रीय मोर्चा व अन्य वामपंथी दलों ने इसे विश्व बैंक और आईएमएफ के आगे घुटने टेकने वाला कहा। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह और चंद्रशेखर ने भी बजट की आलोचना की।

 



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