
फाइल फोटो
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वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव के बाद कांग्रेस नेता पीवी नरसिंह राव प्रधानमंत्री बनाए गए। देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था। मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय का भार सौंपा गया। दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों की निगाहें आगामी बजट पर टिकी थीं। मनमोहन सिंह ने 5389 करोड़ रुपये का घाटे का संतुलित बजट पेश किया। विपक्ष अधिक आलोचना नहीं कर सका। अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा ने बजट का समर्थन किया।
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