
Arrested demo
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में रिफाइनरी से पेट्रोलियम पदार्थों की चोरी और तेल लाइन में सेंधमारी कर माफिया मनोज अग्रवाल ने अपार संपत्ति अर्जित की। फिर इसे आगरा के मनोज गोयल का साथ मिला। इसके बाद पैसों के दम पर राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त किया था। पैसे का रुतबा ऐसा जमाया कि अपनी काली करतूतों के मुकदमों में फाइलें तक बंद करा लीं। हालांकि 2017 के बाद पुलिस के कुछ अधिकारियों ने इस पर शिकंजा कसा।
मनोज अग्रवाल मूलरूप से फरह थाना क्षेत्र के बेरी गांव का रहने वाला है। बैरी अग्निकांड में पहली बार उसका नाम सामने आया। वर्ष 2000 में उस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। पांच साल में मनोज अग्रवाल तेल के खेल का बड़ा खिलाड़ी बन गया। वर्ष 2005 में बिटुमिन और तेल चोरी के साथ-साथ काले तेल पर पूरी तरह से कब्जा करने के लिए गैंगवार शुरू हो गया।